Immunity Boosting Tips: कोरोना वायरस के नये-नये वैरिएंट्स के बीच स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। खुद को संक्रमण मुक्त रखने के लिए बचाव के उपायों को अपनाने के साथ ही, अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का प्रयास भी करना चाहिए। इम्युनिटी बूस्ट करने में आयुर्वेद कारगर होता है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मानना है कि प्रतिरक्षा प्रणाली को एक-दो दिन में विकसित नहीं किया जा सकता है, बल्कि लंबे समय तक स्वस्थ खानपान और जीवन शैली के जरिये ही इम्युनिटी बूस्ट की जा सकती है। आइए जानते हैं ऐसी 5 आयुर्वेदिक औषधियों के बारे में जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

गुडुची: गुडुची यानी गिलोय का सेवन बेहतर स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। ये याद्दाश्त बढ़ाने और लंबी उम्र के लिए मददगार होता है। ये जड़ी-बूटी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक गुडुची वाइट ब्लड सेल्स को सक्रिय करता है जिससे इम्युनिटी बेहतर होती है। इसके अलावा, ब्रोंकाइटिस और क्रॉनिक कफ की परेशानी कम करने में भी ये सहायक होता है। लोग गुडुची पाउडर या फिर टैबलेट का सेवन रोजाना कर सकते हैं।

अमलकी: आयुर्वेदिक जानकारों के मुताबिक अमलकी जिसे आसान शब्दों आंवला कहते हैं विटामिन सी से भरपूर होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए लोगों को विटामिन-सी का सेवन काफी ज्यादा करना चाहिए। बताया जाता है कि इसके सेवन से शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाएं की संख्या ज्यादा हो जाती है जो लोगों को बीमारियों की चपेट में आने से बचाते हैं।

एक अध्ययन के अनुसार आंवला में एंटी-इंफ्लेमेट्री, एंटी-माइक्रोबियल, और एंटी-बैक्टीरियल तत्व होते हैं जो खांसी-फ्लू के खतरे को भी कम करते हैं। आप इसे कच्चा खा सकते हैं, चूर्ण या फिर अचार के रूप में ले सकते हैं। साथ ही, आंवला का जूस भी पी सकते हैं।

मुलेठी: मुलेठी में मौजूद तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही, गले से संबंधित दिक्कतों को दूर करने में भी मदद करते हैं। जानकार मुलेठी के इस्तेमाल की सलाह उन लोग को जरूर देते हैं जो गले में खराश से परेशान हैं। एक चम्मच मुलेठी पाउडर में शहद को मिला लें। फिर इसका रोजाना नियमित तौर पर गुनगुने पानी के साथ सेवन करें।

तुलसी: तुलसी में प्रचुर मात्रा में विटामिन-सी, ए और के पाया जाता है। साथ ही, ये हरे पत्ते एंटी-वायरल, एंटी-इंफ्लेमेट्री और एंटी-बैक्टीरियल तत्वों से भरपूर होते हैं। इस आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। साथ ही, सर्दी-जुकाम, खांसी व गले में खराश की परेशानी भी कम होती है।

अश्वगंधा: दर्द और सूजन को कम करने के लिए बरसों से इस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल होता रहा है। ये इम्युनिटी बूस्ट करने में भी मददगार साबित होता है। आयुर्वेदिक जानकारों के अनुसार लोग अश्वगंधा के कैप्सूल, पाउडर या फिर टैबलेट को गर्म पानी या दूध के साथ ले सकते हैं।