उम्र बढ़ने के साथ-साथ बॉडी में शारीरिक और मानसिक कई तरह के बदलाव आते हैं। ये बदलाव डाइट, लाइफस्टाइल, बॉडी एक्टिविटी और जेनेटिक हो सकते हैं। बॉडी में उम्र बढ़ने पर कुछ खास बदलाव आते हैं जैसे मेटाबोलिज़्म का स्लो होना जिसकी वजह से बॉडी की कैलोरी बर्न करने की क्षमता कम होने लगती है। मांसपेशियों का घटना, हड्डियों का कमजोर होना, हार्मोनल परिवर्तन होना, स्किन में बदलाव होना, मस्तिष्क और मानसिक स्वास्थ्य में बदलाव होना,आंखों की रोशनी का कम होना, दिल और ब्लड वैसल्स में परिवर्तन, नींद में कमी, पाचन से जुड़ी परेशानियां होना और इम्यूनिटी का कमजोर होना शामिल है। इस उम्र में ये सब परेशानियां बॉडी में कई बीमारियों को बढ़ा सकती हैं या पैदा कर सकती हैं।

मेडिकवर हॉस्पिटल मुंबई में इंटरनल मेडिसिन में डॉक्टर अहमद हुसैन खान ने बताया कि 40 साल की उम्र के बाद कुछ जरूरी टेस्ट जरूर कराएं। 4 टेस्ट साल में एक बार कराएंगे तो भविष्ट में बड़ी बीमारियों से बच सकते हैं। बढ़ती उम्र में हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कई बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है। ऐसे में अगर समय रहते कुछ टेस्ट करा लें तो साइलेंट अटैक करने वाली कुछ गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि भविष्य में बीमारियों से बचने के लिए कौन से चार टेस्ट जरूर कराना चाहिए।

CBC और LFT टेस्ट जरूर कराएं

साल में एक बार CBC टेस्ट जरूर कराएं। CBC टेस्ट मतलब कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट से है। ये टेस्ट खून में अलग-अलग सेल के लेवल को नापता है। इस टेस्ट की मदद से खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा का पता लगता है।  LFT टेस्ट लिवर की जांच के लिए कराया जाता है। इस टेस्ट की मदद से लिवर की सेहत का पता लगाया जा सकता है।

ब्लड प्रेशर की स्क्रीनिंग है जरूरी

उम्र बढ़ने के साथ हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी भी बढ़ने लगती है ऐसे में जरूरी है कि साल में एक से दो बार बीपी टेस्ट जरूर कराया जाए। हाई ब्लड प्रेशर स्ट्रोक और दिल के रोगों का खतरा बढ़ा सकता है। इन बड़ी बीमारियों से बचने के लिए जरूरी है कि आप रेगुलर बीपी की जांच कराएं। 3-4 महीने में बीपी की निगरानी करना जरूरी है।

महिलाएं जरूर कराये थायराइड टेस्ट

ज्यादातर महिलाओं की उम्र बढ़ने पर हेयर फॉल, वजन का बढ़ना और थकावट होने जैसी दिक्कते होने लगती हैं। ये सब लक्षण थायराइट के हो सकते हैं इसलिए जरूरी है कि आप समय रहते ही थायराइड का टेस्ट कराएं। महिलाओं को 40 की उम्र पार करने के बाद साल में एक से दो बार ये टेस्ट जरूर कराना चाहिए।

कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग भी है जरूरी

गुजरे एक से दो सालों में तेजी से दिल के मरीजों की संख्या में इज़ाफा हो रहा है। हाई कोलेस्ट्रॉल दिल के रोगों का कारण बनता है। ब्लड में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को मापने के लिए साल में एक बार कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग करानी बेहद जरूरी है। हाई कोलेस्ट्रॉल स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी हृदय संबंधी बीमारियों की संभावना को बढ़ा सकता है।

सर्दी में बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा। अगर आप भी इस बड़ी बीमारी से इस सर्दी अपना बचाव करना चाहते हैं तो उसके लक्षणों को पहचान लें। हार्ट अटैक से जुड़ी सारी जानकारी हासिल करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।