सिरदर्द आजकल बहुत आम हो गया है। कई लोग इसे तनाव, थकान या माइग्रेन समझकर नजरअंदाज कर देते हैं और इसे अपनी डेली लाइफ का हिस्सा मान लेते हैं, लेकिन सिरदर्द हमेशा साधारण नहीं होता। सिरदर्द कई बार गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है। अमेरिका के एनेस्थिसियोलॉजिस्ट डॉ. मायरो फिगुरा ने ऐसे ही 4 संकेत बताए हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि ब्रेन ट्यूमर, स्ट्रोक या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का संकेत भी हो सकता है।
डॉ. मायरो फिगुरा के अनुसार, आजकल कामकाज की भागदौड़ और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के चलते सिरदर्द होना बहुत ही आम हो गया है। हालांकि, सिरदर्द को लोग अक्सर आम समझकर इग्नोर कर देते हैं, लेकिन बार-बार होने वाला सिरदर्द हमेशा आम नहीं होता। यह किसी गंभीर बीमारी का कारण या संकेत भी हो सकता है। चलिए आपको बताते हैं ऐसे 4 संकेत, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
अचानक और तेज सिरदर्द
डॉ. फिगुरा के अनुसार, अगर अचानक आपको जीवन का सबसे भयानक और तेज सिरदर्द महसूस होता है, तो यह रप्चर एन्यूरिज्म का संकेत हो सकता है। यह स्थिति बेहद आपातकालीन होती है और तुरंत अस्पताल जाकर जांच करानी चाहिए। समय पर इलाज न मिलने पर यह जानलेवा भी साबित हो सकती है।
50 साल की उम्र के बाद नए सिरदर्द
अगर आप 50 साल की उम्र के बाद नए तरह के सिरदर्द महसूस करने लगते हैं, तो इसे हल्के में बिल्कुल न लें। डॉ. फिगुरा का कहना है कि इस उम्र के बाद बार-बार या नए सिरदर्द होना सामान्य नहीं है और यह किसी गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्या या ट्यूमर का संकेत हो सकता है। ऐसे मामलों में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना जरूरी है।
सिरदर्द के साथ न्यूरोलॉजिकल बदलाव
अगर सिरदर्द के साथ आपके शरीर या व्यवहार में अचानक न्यूरोलॉजिकल बदलाव दिखाई देने लगे, तो यह भी चेतावनी का संकेत है। जैसे संतुलन खोना, अचानक धुंधला दिखाई देना, बोलने में कठिनाई या सही शब्द न मिलना और शरीर के किसी हिस्से में कमजोरी आदि। ये लक्षण मस्तिष्क में गंभीर गड़बड़ी या स्ट्रोक का संकेत हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत अस्पताल पहुंचना बेहद जरूरी है।
सुबह उठते ही सिरदर्द या लेटने पर बढ़ना
अगर आपको सुबह उठते ही सिरदर्द होता है या लेटने पर सिरदर्द ज्यादा बढ़ जाता है, तो यह भी सामान्य सिरदर्द नहीं है। इस तरह का सिरदर्द अक्सर खोपड़ी के अंदर बढ़े दबाव यानी इंट्राक्रेनियल प्रेशर का संकेत हो सकता है, जिसका कारण सिस्ट या ब्रेन ट्यूमर भी हो सकता है। ऐसे मामलों में तुरंत मेडिकल जांच कराना चाहिए।
वहीं, फिटनेस ट्रेनर नवनीत रामप्रसाद के अनुसार, सिर्फ लंबी वॉक करना 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को मजबूत बनाने के बजाय और भी कमजोर कर सकता है।