Heart Attack in Female: खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, जिसका असर दिल पर भी पढ़ता है। दिल पर असर पड़ने से हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है। हालांकि, हार्ट अटैक का खतरा कई कारकों से जुड़ा होता है, जिनमें हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, मोटापा, धूम्रपान और तनाव आदि शामिल है।
महिलाओं में हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा अधिक?
दरअसल, हार्ट अटैक तब आता है जब ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और दिल तक ब्लड सही तरह नहीं पहुंच पाता। महिलाओं में हृदय रोग की समस्या तेजी से बढ़ रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, 18 से 55 वर्ष की आयु की महिलाओं को अन्य लोगों की तुलना में दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के वार्षिक वैज्ञानिक सत्र में प्रस्तुत एक स्टडी में कहा गया है कि खराब लाइफस्टाइल के चलते महिलाओं में हार्ट संबंधी जोखिम अधिक रहता है।
महिलाओं में हार्ट अटैक के कारण
- हाई ब्लड प्रेशर</li>
- मोटापा
- खराब जीवनशैली
- तनाव
क्या कहती है स्टडी
टोरंटो के सनीब्रुक हेल्थ साइंसेज सेंटर में मेडिसिन विभाग में सहायक प्रोफेसर, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट और क्लिनिशियन साइंटिस्ट तथा अध्ययन के प्रमुख लेखक मनीष सूद, एम.डी., पी.एच.डी. ने कहा कि स्वास्थ्य के समान लेवल के लिए हमारा अध्ययन दर्शाता है कि प्रत्येक कारक से संबंधित जोखिम में वृद्धि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक है, जो सभी के लिए एक जैसे नहीं हैं।
इस स्टडी में हार्ट रोग से जुड़े आठ कारकों पर ध्यान केंद्रित किया। जिसमें आहार, नींद, शारीरिक गतिविधि, धूम्रपान, बॉडी मास इंडेक्स, ब्लड शुगर, लिपिड और ब्लड प्रेशर शामिल है। जिसमें पाया गया कि महिलाओं में नकारात्मक जोखिम कारक कम और सकारात्मक जोखिम कारक अधिक होने की संभावना थी। मनीष सूद के मुताबिक, महिलाओं का स्वास्थ्य पुरुषों की तुलना में बेहतर होता है, लेकिन रिचर्स का रिजल्ट बिल्कुल अलग होता है, जिसमें महिलाओं में हार्ट से जुड़ी समस्याओं का खतरा अधिक पाया गया।
सात हृदय रोगों के परिणामों पर रखी नजर
शोधकर्ताओं ने 2009-2017 के बीच ओंटारियो स्वास्थ्य अध्ययन में 175,000 से अधिक कनाडाई लोगों के डेटा का विश्लेषण किया। प्रतिभागियों में से किसी को भी बेसलाइन पर हृदय रोग नहीं था और इसमें लगभग 60% महिलाएं थीं। शोधकर्ताओं ने तीनों समूहों में प्रतिभागियों में सात हृदय रोगों के परिणामों की घटनाओं पर नजर रखी, जिसमें दिल का दौरा, स्ट्रोक, अस्थिर एनजाइना यानी सीने में दर्द, परिधीय धमनी रोग (हाथों या पैरों में रक्त वाहिकाओं का संकुचित होना), हार्ट फेलियर, कोरोनरी रीवैस्कुलराइजेशन और कार्डियोवास्कुलर मृत्यु।
इस अध्ययन में काफी ज्यादा महिलाओं को हेल्दी स्वास्थ्य वाली श्रेणी में रखा गया, जिसमें 9.1% महिलाओं और 4.8% पुरुषों ने 8 में से 8 अंक प्राप्त किए। महिलाओं को खराब स्वास्थ्य वाली श्रेणी में रखे जाने की संभावना भी कम थी, 21.9% महिलाएं और 30.5% पुरुष इस श्रेणी में आते हैं। खराब स्वास्थ्य वाली महिलाओं में हार्ट रोग का जोखिम हेल्दी स्वास्थ्य वाली महिलाओं की तुलना में लगभग पांच गुना अधिक था, जबकि खराब स्वास्थ्य वाले पुरुषों में हार्ट रोग का जोखिम हेल्दी स्वास्थ्य वाले पुरुषों की तुलना में 2.5 गुना अधिक था।
इसके अलावा खाने के बाद इन 2 चीजों को तुरंत चबा लीजिए, पाचन तंत्र करने लगेगा तेजी से काम, सुबह उठते ही पेट की हो जाएगी सफाई।