उम्र बढ़ना स्वाभाविक है, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ-साथ हेल्थ और शरीर को एक्टिव बनाए रखना भी बहुत चुनौतीपूर्ण हो जाता है। क्योंकि, उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर कमजोर होने लगता है और शरीर कई बीमारियों की चपेट में आने लगता है। ऐसे में कुछ आदतों को अपने डेली रूटीन में शामिल करने से सेहत के साथ-साथ दिमाग की हेल्थ पर अच्छा प्रभाव होता है। दरअसल, एक अध्ययन में 60 और 70 की उम्र के 2,100 से ज्यादा ऐसे वयस्कों का अध्ययन किया गया जो काफी निष्क्रिय रहते थे। इसमें जो पाया गया वह महत्वपूर्ण है। अध्ययन के मुताबिक, भोजन, व्यायाम और सामाजिक सहभागिता के संबंध में संयमित, डेली रूटीन के फैसले आगे चलकर स्वस्थ मस्तिष्क को बढ़ावा दे सकते हैं।

नेशनल इंस्‍टीटयूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, बढ़ती उम्र के साथ दिमाग के कुछ हिस्से सिकुड़ जाते हैं। जिसका असर दिमाग पर पड़ता है। दरअसल, दिमाग के हिस्से सिकुड़ने  के चलते ब्रेन सेल्स के बीच संचार और ब्लड फ्लो कम हो जाता है। इस बदलाव से ब्रेन सेल्स को भी नुकसान हो सकता है, जिससे अल्जाइमर जैसी बीमारियां पैदा होती हैं। अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के फेलो और गेइजिंगर हेल्थ में मेमोरी एंड कॉग्निशन प्रोग्राम के डायरेक्टर डॉ. ग्लेन फिननी ने डेली रूटीन की कुछ आदतों को बताया है, जिन्हें करने से दिमाग को समय से पहले बूढ़ा होने से बचाया जा सकता है।

खानपान का ध्यान

हम सभी ने सुना है “आप जैसा खाते हैं, वैसे ही बनते हैं”, लेकिन जब बात आपके मस्तिष्क की आती है, तो यह सिर्फ एक नारा नहीं है। अध्ययन एंटीऑक्सीडेंट, अच्छे वसा और पोषक तत्वों से भरपूर आहार खाने के फायदों की सलाह देते हैं। रंगीन फल और सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और ओमेगा-3 से भरपूर चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें। ये पोषक तत्व सूजन से लड़ते हैं और संज्ञानात्मक कार्य को बढ़ावा देते हैं।

व्यायाम

व्यायाम न केवल हार्ट और मांसपेशियों को मजबूत करता है, बल्कि यह आपके मस्तिष्क को भी उत्तेजित करता है। यहां तक कि मध्यम गतिविधि, जैसे तेज चलना, बागवानी करना या घर के आसपास नाचना आदि ब्लड फ्लो में सुधार करता है और मस्तिष्क कोशिकाओं के नए कनेक्शन को बढ़ावा देता है। फिजिकल एक्टिविटी करने से न सिर्फ शरीर एक्टिव होता है, बल्कि तनाव भी कम होता है और इससे मूड को बेहतर रहता है, जिससे दिमाग तेज रहता है। अगर, टहलने या कसरत के बाद आपकी सोच ज्यादा साफ होती है, तो इसका मतलब है कि आपका दिमाग आपको धन्यवाद दे रहा है।

सामाजिक जुड़ाव

हम दिमाग की हेल्थ के लिए रिश्तों के महत्व को कम आंकते हैं, लेकिन यह शोध सामाजिक रूप से जुड़े रहने के महत्व को दर्शाता है। चाहे वह किसी दोस्त के दिन के बारे में बात करने के लिए कॉल हो, अपने प्रियजनों के साथ डिनर हो या किसी बुक क्लब में जाना हो। ये सामाजिक संपर्क दिमाग को अच्छे तरीकों से उत्तेजित करते हैं। सामाजिक मेलजोल अकेलेपन और अलगाव से लड़ता है, ये दो ऐसी स्थितियां हैं जो संज्ञानात्मक हानि से जुड़ी हैं। असल में दूसरे इंसानों के साथ बिताया गया समय न सिर्फ आत्मा के लिए अच्छा है, बल्कि दिमाग के लिए भी सेहतमंद है।

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