भारतीय घरों में घी का सेवन बहुत चाव से किया जाता है। घी सेहत के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभकारी होता है। घी खाने से शरीर को भरपूर मात्रा में पोषण मिलता है। यह सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा का भी हिस्सा रहा है। स्वस्थ वसा से भरपूर घी पाचन को बढ़ावा देने, पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार और स्वस्थ आंत को बढ़ावा देने के लिए बहुत फायदेमंद है। घी में विटामिन ए, डी, ई और के भी भरपूर मात्रा में होते हैं, जो मजबूत प्रतिरक्षा, स्वस्थ त्वचा और हड्डियों के लिए आवश्यक हैं। घी रोटी, दाल और कई अन्य फूड्स के साथ अच्छी तरह से मेल खाता है और व्यंजनों के पोषण मूल्यों को बेहतर बनाने में मदद करता है, लेकिन कुछ ऐसे फूड्स भी हैं जिनके साथ घी का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये एक साथ खाने पर हानिकारक हो सकते हैं। इससे सेहत को फायदे की जगह नुकसान हो सकते हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा ने बताया कि घी के साथ किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए और इससे क्या होता है।

आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा के मुताबिक, घी का सेवन हमेशा से ही स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। घी खाने से न सिर्फ शरीर को फायदा मिलता है, बल्कि कई बीमारियों से भी बचाव होता है। इसमें मौजूद हेल्दी फैट्स फिट और एक्टिव रहने में मदद करते हैं। घी में कई तरह के विटामिन्स और मिनरल्स मौजूद होते हैं, जो हेल्दी रहने के लिए जरूरी हैं, लेकिन कुछ चीजों का कॉम्बिनेशन उसके पोषण को बढ़ावा देता और कुछ ऐसे भी कॉम्बिनेशन होते हैं, जिसकी वजह से परेशानी कम होने के बजाय बढ़ सकती है।

शहद और घी

आयुर्वेद के अनुसार, शहद और घी को बराबर मात्रा में मिलाने से एक जहरीला मिश्रण बन सकता है, जिससे पाचन और मेटाबॉलिज्म संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इन्हें एक साथ मिलाने से आंत की वनस्पतियां बिगड़ सकती हैं और समय के साथ शरीर में विषाक्त पदार्थों यानी टॉक्सिन का निर्माण हो सकता है। हालांकि, शहद और घी दोनों ही अपने आप में स्वास्थ्यवर्धक हैं, लेकिन इनका मिश्रण कुछ परिस्थितियों में सेहत के लिए हानिकारक होता है।

मछली और घी

आयुर्वेद के अनुसार, मछली और घी को एक साथ नहीं खाना चाहिए। मछली की तासीर गर्म होती है, जबकि घी की तासीर ठंडी होती है। इन दोनों को एक साथ खाने से पाचन क्रिया में समस्या हो सकती है और शरीर में विषाक्त पदार्थ यानी टॉक्सिन जमा हो सकते हैं। इसके साथ ही घी और मछली खाने से त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि एलर्जी और रैशेज आदि। ऐसे में घी और मछली के सेवन से बचना चाहिए।

मूली और घी

मूली एक जड़ वाली सब्जी है, जो तीखी और गर्म होती है और जब इसे घी के साथ खाया जाता है, जो कि तैलीय और ठंडा होता है, तो यह संयोजन अशांति पैदा कर सकता है और पेट फूलना, एसिडिटी या अपच जैसी पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है।

दही और घी

दही और घी दोनों ही भारी और तैलीय होते हैं और इन्हें एक साथ खाने से पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली धीमी हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, दही और घी को एक साथ खाने से पाचन क्रिया धीमी हो सकती है, विषाक्त पदार्थ यानी टॉक्सिन जमा हो सकते हैं और यहां तक कि त्वचा संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।

वहीं, द लैंसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक नए अध्ययन से पता चलता है कि रोजाना सिर्फ 7,000 कदम चलना भी स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए काफी हो सकता है।