कैल्शियम एक खनिज है जो मुख्य रूप से स्वस्थ हड्डियों और दांतों से जुड़ा होता है। हालांकि, यह रक्त के थक्के जमने, मांसपेशियों के संकुचन और हृदय गति और तंत्रिका कार्य को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए रोजाना पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम का सेवन करना जरूरी है। कैल्शियम के स्रोत के बारे में एक आम गलत धारणा यह है कि कैल्शियम दूध में अधिकतम मात्रा में ही पाया जाता है और यही वजह है कि बच्चों के पीछे उनकी मां हमेशा दूध का गिलास लेकर खड़ी रहती हैं। हालांकि यह सच है, दूध स्वस्थ हड्डियों और दांतों के लिए अच्छा होता है।

लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि दूध कैल्शियम के लिए अच्छा नहीं है, बल्कि अरहर दाल या तुअर दाल की भूसी है, जिसे अब तक जानवरों के चारे के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह जानकारी इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (इक्रीसेट) द्वारा की गई रिसर्च में सामने आई है जिसके निष्कर्ष पीयर-रिव्यू जर्नल सस्टेनेबिलिटी में प्रकाशित हुए है। इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (ICRISAT) के अनुसार, अरहर की दाल की भूसी में दूध की तुलना में छह गुना अधिक कैल्शियम होता है। जो ऑस्टियोपोरोसिस और रिकेट्स के इलाज के लिए खाद्य और दवा कंपनियों के लिए मूल्यवान है।

दाल की छाल होती है कीमती

ICRISAT में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, तूअर दाल के छिलके में दूध की तुलना में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है। जो बेबी फ़ूड और मिनरल सप्लीमेंट्स के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। इन दालों की भूसी को अपशिष्ट या पशु आहार के रूप में उपयोग किया जाता था।

दाल के छिलके में दूध से छह गुना ज्यादा कैल्शियम

ICRISAT जीनबैंक के नेतृत्व में किए गए शोध में पाया गया है कि सिर्फ 100 ग्राम अरहर दाल की भूसी में 652 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। वहीं 100 मिलीग्राम दूध में 120 मिलीग्राम होता है। इतना ही नहीं 100 ग्राम अरहर के बीज की परत में 2.7 मिलीग्राम आयरन होता है, जो अन्य फलियां और अनाज की तुलना में काफी अधिक होता है। शोध से यह भी पता चला है कि अरहर के दानों में सीड कोट की तुलना में 18 गुना अधिक प्रोटीन होता है।

रोजाना कितने कैल्शियम का सेवन करना चाहिए?

शोधकर्ताओं का अनुमान है कि मनुष्यों को प्रतिदिन औसतन 800 से 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है, जबकि शोध से पता चला है कि भारतीयों को औसतन अपने आहार से उतनी मात्रा नहीं मिल रही है।

कैल्शियम की कमी से होते हैं ये रोग

  • डिप्रेशन
  • भ्रम की स्थिति
  • हड्डियों में फ्रैक्चर
  • मांसपेशियों में ऐंठन
  • कमजोर और खराब नाखून
  • याददाश्त कमजोर होना
  • मांसपेशियों में ऐंठन या मांसपेशियों में दर्द
  • हाथ, पैर और चेहरे में सुन्नपन और झुनझुनी

कैसे पहचानें कि शरीर में कैल्शियम की कमी है?

शरीर में कैल्शियम की कमी से कमजोरी, थकान, मांसपेशियों में दर्द या ऐंठन, सुन्नता या विशेष रूप से उंगलियों और जबड़े में झुनझुनी, चक्कर आना, निगलने में कठिनाई जैसे लक्षण हो सकते हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।