High Uric Acid: यूरिक एसिड एक प्राकृतिक वेस्ट प्रोडक्ट है जो प्यूरीन युक्त फूड्स को पचाने से बनता है। आमतौर पर शरीर में से यूरिक एसिड किडनी और यूरिन के जरिये फिल्टर हो जाता है। लेकिन जब आप अधिक मात्रा में प्यूरीन युक्त फूड्स का सेवन करते हैं तो इससे यूरिक एसिड की शरीर में अधिकता हो जाती है जिसे किडनी फिल्टर नहीं कर पाता है और ये खून में पहुंचने लगता है। शरीर में ज्यादा मात्रा में यूरिक एसिड होने की स्थिति को हाइपरयूरिसेमिया कहते हैं।
बढ़ जाता है इन बीमारियों का खतरा: हाइपरयूरिसेमिया के कारण शरीर के जोड़ों में यूरिक एसिड के क्रिस्टल्स जिन्हें यूरेट कहा जाता है, वो बनने लगते हैं। इसकी वजह से लोग अर्थराइटिस या गाउट जैसी बीमारियों से पीड़ित हो जाते हैं। ये क्रिस्टल्स धीरे-धीरे किडनी में भी बनने लगते हैं और लोगों को किडनी स्टोन का खतरा हो जाता है।
अगर इस स्वास्थ्य समस्या को अनदेखा किया जाए या समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो इससे परमानेंट बोन, जॉइंट और टिश्यू डैमेज हो सकता है। इसके अलावा, यूरिक एसिड बढ़ जाने पर हार्ट डिजीज, टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और फैटी लिवर का खतरा हो सकता है।
कैसे करें इस बीमारी की पहचान: यूरिक एसिड के स्तर को जांचने के लिए ब्लड टेस्ट की मदद ली जा सकती है। इसके अलावा, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे या फिर सीटी स्कैन के जरिये भी हाइपरयूरिसेमिया का पता लगाया जा सकता है।
किन बातों का रखें ध्यान: हाई यूरिक एसिड के कारण होने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए अपनी जीवन शैली में बदलाव के साथ ही कुछ प्राकृतिक नुस्खों को अपनाना भी जरूरी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक सूजन और दर्द को कम करने के लिए दवाओं के साथ ही भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए।
जिनके शरीर में यूरिक एसिड की अधिकता हो, उन्हें कम से कम 8 गिलास पानी पीना चाहिए। इसके अलावा, वजन पर नियंत्रण भी जरूरी है। साथ ही, डाइट में नींबू, आंवला और ब्लैक चेरी शामिल करें।
इनसे करें परहेज: जिन खाद्य पदार्थों में प्यूरीन की मात्रा ज्यादा हो उनके सेवन से बचें। खासकर सी फूड्स जैसे कि साल्मन, श्रिम्प, लॉब्सटर और सरडाइंस जैसी मछलियों को खाने से परहेज करें। इसके अलावा, रेड मीट, लिवर जैसे ऑर्गन मीट खाने से भी बचें। वहीं, शराब, सिगरेट और हाई फ्रुक्टोज के सेवन से भी परहेज करना चाहिए।