Influenza infection: हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को फ्लू की वैक्सीन देने से वैस्कुलर से संबंधित होने वाली घटनाओं को रोका जा सकता है। लैंसेट ग्लोबल हेल्थ रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक इन्फ्लूएंजा हृदय संबंधी घटनाओं (Heart Attack Risk) और मौतों के जोखिम को बढ़ाता है। इस अध्ययन में एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका के दस देशों में एम्स, दिल्ली सहित दुनिया भर के डॉक्टरों को शामिल किया गया था। अध्ययन में शामिल सदस्यों में से एक डॉ. अम्बुज रॉय का कहना है कि सभी हृदय रोगियों को टीके तत्काल प्रभाव से लगवाना चाहिए।

हार्ट अटैक के रिस्क को बढ़ा सकता है मौसमी फ्लू

अध्ययन के मुताबिक मौसमी फ्लू दिल के दौरे को बढ़ा सकता है और कमजोर दिल वाले मरीज़ में हृदय के फेल यानि की हार्ट अटैक (Heart Attack) की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए आम तौर पर हृदय रोगियों को सालाना फ्लू शॉट्स लेने की सलाह देते हैं। यह अध्ययन हार्ट अटैक से संबंधित रोगियों में टीके को लेकर पहला परीक्षण था और इसमें पाया गया की सामान्य फ्लू शॉट वास्तव में हार्ट के फेल होने की संभावना को कम करता है। हालांकि इन्फ्लूएंजा का मौसम भौगोलिक रूप से भी भिन्न होता है।

टीके का प्रभाव

जिन लोगों को टीका दिया है उनमें निमोनिया (Pneumonia) या अन्य कारणों से अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को 42 प्रतिशत तक कम हो गई। सभी कारणों से अस्पताल में भर्ती होने में कमी काफी हद तक टीके के कारण हुई थी। पीक इन्फ्लुएंजा सर्कुलेशन पीरियड्स (Influenza circulation periods) के दौरान घटनाओं का विश्लेषण किया गया था। अध्ययन में शामिल होने वाले लोगों को इन्फ्लूएंजा वैक्सीन दी गई, जिसके बाद उन लोगों में ऐसी बीमारियों के होने की संभावना कम हो गई।

फ्लू और हार्ट अटैक का संबंध

अध्ययन के मुताबिक यदि किसी रोगी में फ्लू के लक्षण दिखाई देते हैं। तो या दिल के दौरे को ट्रिगर कर सकता है। चूंकि प्रदूषण के कारण दिल का दौरा पड़ सकता है और हार्ट फेल (Heart Fail) होने की संभावना भी बढ़ जाती है। अध्ययन से पता चला है कि फ्लू होने के एक सप्ताह बाद आपको दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है। फ्लू के कारण धमनी में एक छोटा जमाव हो सकता है लेकिन फ्लू और प्रदूषण के बाद वह ट्रिगर कर आर्टेरी को बंद कर सकता है, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है।

भारत में टीके को लेकर जागरूकता की कमी

इसलिए जोखिम वाले समूहों की सुरक्षा के लिए इन्फ्लूएंजा का टीका (Influenza Vaccine) दिया जाता है। टीके का उपयोग बहुत अधिक नहीं है और भारत के अध्ययनों से पता चलता है कि सभी जरूरतमंद हृदय रोगियों में से केवल एक से दो प्रतिशत ही टीके लगवाते हैं। इसके पीछे जागरूकता की कमी हो सकती है। हालांकि पश्चिमी देशों में फ्लू का टीका हृदय रोगियों में प्राथमिक तौर पर लगाया जाता है। कहा जाते तो पश्चिमी देशों में टीके का उपयोग मध्यम आय वाले देशों की तुलना में बहुत अधिक है।