आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में ‘अर्जुन के पेड़’ की छाल का इस्तेमाल हजारों वर्षों से किया जा रहा है। अर्जुन के पेड़ को अर्जुनारिष्ट भी कहा जाता है। इसकी छाल का इस्तेमाल स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। इस पेड़ की छाल से बनीं दवाइयां हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के साथ ही हार्ट अटैक के खतरे को भी कम करती हैं। साथ ही यह गुणकारी पेड़ कैंसर के जोखिम, अस्थमा को रोकने, यूरिन इंफेक्शन, खांसी और वजन कम करने में भी मददगार साबित होता है। भारत में लगभग हर जगह पर अर्जुन का पेड़ आसानी से मिल जाता है। लेकिन विदेशों में हर्बल स्टोरों पर पेड़ की छाल का पाउडर उपलब्ध रहता है।

इस तरह करें इस्तेमाल: हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक अर्जुन के पेड़ की छाल का पाउडर बनाकर इसका पानी या फिर दूध के साथ सेवन किया जा सकता है। सबसे पहले पानी में पेड़ की छाल को उबाल लें। अच्छी-तरह से उबल जाने के बाद इसे छानकर पी लें। आप चाहें तो इस पाउडर को दूध में मिलाकर भी पी सकते हैं।

हाई बीपी: एक शोध के मुताबिक अर्जुन के पेड़ की छाल के जरिए कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड और ब्लड प्रेशर के स्तर को कम किया जा सकता है। वैज्ञानिकों की मानें तो अर्जुन का पेड़ बेहद ही गुणकारी होता है। यह खून में रक्त शर्करा के स्तर को भी कम करता है। मधुमेह से ग्रसित लोग 15 दिनों तक छाल के अर्क का रोजाना सेवन करें। इससे खून में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है।

कैंसर के जोखिम को करे कम: एक्सपर्ट्स के मुताबिक अर्जुन की छाल का अर्क कैंसर के खतरे को भी कम करता है। दरअसल, अर्जुन के पेड़ में कैंसर रोधी गुण पाए जाए जाते हैं। इसके नियमित सेवन से स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहता है।

अस्थमा: पशुओं पर किए गए परिक्षणों से पता चला है कि अर्जुन की छाल में अस्थमा रोधी गुण पाए जाते हैं, फेफड़ों की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। हालांकि, इसको लेकर अभी अधिक शोध की जरूरत है।