उम्र बढ़ने के साथ बॉडी में कई तरह के बदलाव आते हैं। बढ़ती उम्र में अगर डाइट और लाइफस्टाइल का ध्यान नहीं दिया जाए तो बॉडी में कई तरह की बीमारियां पनपने लगती हैं। अक्सर  40 से 50 साल की उम्र में पहुंचने के बाद लोग सुबह-सुबह सिरदर्द होने की शिकायत करते है। आमतौर पर सिर दर्द होने के लिए शुरुआती सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस, गलत स्लीप पोस्चर, बढ़ा हुआ तनाव और हल्की नींद जैसी समस्याएं जिम्मेदार होती हैं। इन सभी वजहों से लोगों को सुबह के समय सिर दर्द की परेशानी होती है।

वॉकहार्ट हॉस्पिटल्स मुंबई सेंट्रल में इंटरनल मेडिसिन की कंसल्टेंट डॉ. हनी सावला बताती हैं कि अक्सर लोग डॉक्टर के पास 40–50 की उम्र में सिर दर्द की परेशानी को लेकर आते हैं। आमतौर पर सिर दर्द के लिए बॉडी में होने वाले हॉर्मोनल बदलाव और बीपी या नींद ही वजह होते हैं। खर्राटे या हल्का स्लीप एपनिया भी इसी उम्र में शुरू हो सकता हैं जो सुबह के सिरदर्द की संभावना बढ़ा देता हैं।

ग्लेनीगल्स हॉस्पिटल मुंबई में इंटरनल मेडिसिन की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मंजूषा अग्रवाल के अनुसार, लंबे समय तक काम करना और रात में दांत पीसने की आदत भी सुबह सिर दर्द की वजह बन सकती है। एक्सपर्ट ने बताया कई बार बहुत देर रात तक जागना, सोने से पहले गैजेट्स का ज्यादा इस्तेमाल करना या जरूरत से ज्यादा कैफीन लेना भी सुबह उठते ही सिरदर्द को ट्रिगर कर सकता है। आइए दोनों डॉक्टर से जानते हैं कि सुबह में सिर दर्द होने के लिए कौन-कौन से कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।

कैसे पहचानें कि सिरदर्द पोस्चर की वजह से है या किसी बीमारी का संकेत?

डॉ. सावला के मुताबिक अगर वीकेंड पर आराम करने से, बेहतर तकिया इस्तेमाल करने से या फिजियोथेरेपी के बाद सिरदर्द में सुधार हो जाता है तो अक्सर इसकी वजह पोस्चर में गड़बड़ी होती है। लेकिन अगर रोज सिरदर्द हो, नजर में बदलाव आए, उल्टी हो, कमजोरी महसूस हो, गर्दन में तेज अकड़न हो या नींद से सिरदर्द के कारण बार-बार आंख खुल जाए तो तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। ये लक्षण साइनस की समस्या, ब्लड प्रेशर में बदलाव, माइग्रेन या स्लीप एपनिया की ओर इशारा कर सकते हैं।

क्या पेट के बल सोने से सुबह सिरदर्द हो सकता है?

डॉ. सावला बताती हैं कि पेट के बल सोने से भी सिर दर्द होता है। पेट के बल सोने पर चेहरा नीचे होने की वजह से सांस लेना मुश्किल होता है, इसलिए गर्दन घंटों एक तरफ मुड़ी रहती है। इससे सर्वाइकल स्पाइन अपनी प्राकृतिक स्थिति से बाहर हो जाती है। रातभर गर्दन और ऊपरी पीठ की मांसपेशियां तनाव में रहती हैं, जो सुबह हल्के सिरदर्द का कारण बन सकती हैं। यह खतरनाक नहीं है, लेकिन एक आम मैकेनिकल ट्रिगर है।

गर्दन और रीढ़ की सेहत के लिए सबसे सही सोने की पोजीशन कौन-सी है?

डॉ. सावला के अनुसार सबसे बेहतर पोजीशन पीठ के बल सोना है, जिसमें पतला तकिया गर्दन के नैचुरल कर्व को सपोर्ट करें। साइड में सोना भी ठीक है, बशर्ते तकिया सिर और रीढ़ को एक सीध में रखे। पेट के बल सोना शरीर के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदायक होता है, क्योंकि इसमें गर्दन लंबे समय तक मुड़ी रहती है।

क्या 40–50 की उम्र के सभी लोगों को यह समस्या होती है?

डॉ. अग्रवाल कहती हैं कि इस उम्र में सुबह सिरदर्द होने पर लोग अक्सर घबरा जाते हैं, लेकिन हर मामला अलग होता है। कुछ सिरदर्द साधारण लाइफस्टाइल की आदतों की वजह से होते हैं, जिन्हें आसानी से सुधारा जा सकता है, जबकि कुछ मामलों में मेडिकल सलाह जरूरी होती है। सबसे अहम बात यह है कि बार-बार होने वाले लक्षणों को नजरअंदाज न करें और अपने शरीर को सही तरीके से आराम दें, देखभाल और ध्यान दें।

सुबह के सिरदर्द को कम करने के लिए क्या आसान बदलाव करें?

  • अगर आपको सुबह सिर दर्द रहता है तो आप सोने की आदतों में बदलाव करें। पीठ के बल या करवट लेकर सोने की आदत डालें। सही सपोर्ट वाला तकिया इस्तेमाल करें। न ज्यादा ऊंचा तकिया रखें और न ज्यादा नर्म ताकिया रखें। 
  • गर्दन और ऊपरी पीठ की नियमित स्ट्रेचिंग करें। 
  • दिनभर पर्याप्त पानी पिएं
    सोने-जागने का समय तय रखें।
  • देर रात स्क्रीन टाइम कम करें ताकि नींद की क्वालिटी बेहतर हो।
     डॉ. सावला सलाह देती हैं अगर सिरदर्द नया है, तो समय-समय पर ब्लड प्रेशर चेक कराएं।

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