बढ़ती उम्र के साथ शरीर कमजोर होने लगता है, जिसके चलते कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी शरीर पर कब्जा करने लगती है। उम्र बढ़ने के साथ ही जोड़ों में सूजन, दर्द और जकड़न की समस्या आम हो जाती है, जिससे चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है। इस पर समय रहते ध्यान नहीं दिया जाए तो गठिया जैसी गंभीर समस्या बन जाती है। हालांकि, आमतौर पर गठिया के इलाज के लिए दवाओं और थेरेपी का सहारा लिया जाता है, लेकिन आजकल इंटरनेट पर एक दावा किया जा रहा है कि इमली के बीज खाने से गठिया की समस्या ठीक हो जाती है। चलिए आपको बताते हैं कि इस संबंध में एक्सपर्ट का क्या कहना है?

आहार विशेषज्ञ और डायबिटीज एक्सपर्ट कनिका मल्होत्रा के मुताबिक, इमली के बीज में कई तरह के पोषक तत्व और औषधीय गुण मौजूद होते हैं। इनमें प्रोटीन, फाइबर, अमीनो एसिड, मैग्नीशियम और पोटैशियम भरपूर मात्रा में होते हैं। उन्होंने बताया कि सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर इमली के बीजों को भूनकर, पीसकर पाउडर बनाकर या स्मूदी, सूप और सॉस में मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इमली के बीज गठिया में सीधे इलाज की तरह काम नहीं करते, लेकिन इनके गुण शरीर में सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

मुंबई सेंट्रल स्थित वॉकहार्ट हॉस्पिटल्स के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. विशाल शिंदे के अनुसार, इमली के बीज जैसे जैविक उपचार आशाजनक हैं, लेकिन इस पर और शोध की आवश्यकता है और इस पर एक्सपर्ट्स के साथ चर्चा की जानी चाहिए। इमली विटामिन सी से भरपूर होती है, जो पूरे शरीर को स्वस्थ रखने में फायदेमंद है और महामारी के दौरान भी मददगार साबित हुई। इमली भले ही गठिया का सीधे तौर पर इलाज न करे, लेकिन इससे कोई नुकसान नहीं होगा और यह सामान्य स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इमली के बीज से गठिया का इलाज नहीं किया जा सकता है, इसलिए इसके लक्षणों को दूर रखा जा सकता है। इससे बचाव के लिए फिजिकल रूप से एक्टिव रहना, वजन कंट्रोल में रखना और डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवा आदि का ध्यान रखना। डॉक्टरों के अनुसार, नियमित हल्के व्यायाम, खासकर तैराकी जैसी कम प्रभाव वाली गतिविधियां, मांसपेशियों को मजबूत बना सकती हैं और लचीलापन बढ़ा सकती हैं। इसके अलावा वजन कम करने के विभिन्न तरीके, जैसे डाइट कंट्रोल और फिजिकल एक्टिविटी आदि, जिससे जोड़ों पर तनाव कम होगा। इससे दर्द और सूजन से बचाव होगी।

कैसे करें गठिया से बचाव

गठिया से बचने के लिए हेल्दी वजन बनाए रखना, नियमित व्यायाम करना, हेल्दी डाइट और चोटों से बचना जरूरी है। इसके साथ ही धूम्रपान से परहेज करना और शराब का सेवन सीमित करना भी सहायक हो सकता है। नियमित एक्सरसाइज से जोड़ों को मजबूत और लचीला बनाने में मदद मिलेगी, जिससे गठिया का खतरा कम हो सकता है। इसके साथ ही धूम्रपान ऊतकों को कमजोर करता है और जोड़ों पर दबाव डालता है, जिससे गठिया का खतरा बढ़ सकता है।

वहीं, आयुर्वेदिक डॉक्टर रूपाली जैन के मुताबिक, पारिजात यानी हरसिंगार के पत्तों का उपयोग जोड़ों के दर्द और अकड़न को कम करने के लिए किया जाता है और जोड़ों की चिकनाई यानी ग्रीस बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।