एक नए शोध में पता चला है कि दुनिया के दो-तिहाई लोगों में पाया जाना वाला पेट का एक सामान्य जीवाणु भूलने की बीमारी (Amnesia/Alzheimer) बढ़ा सकता है। यह अध्ययन, अल्जाइमर एंड डिमेंशिया : द जर्नल आफ द अल्जाइमर एसोसिएशन में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में इस बात की जांच की गई कि क्या 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाले हेलिकोबैक्टर पायलोरी (एच पायलोरी) संक्रमण से अल्जाइमर का खतरा बढ़ जाता है। एच पायलोरी संक्रमण अपच, अल्सर और यहां तक कि पेट के कैंसर को भी हानि पहुंचाने के लिए जाना जाता है।
ब्रिटेन में 50 वर्ष से अधिक 40 लाख लोगों के स्वास्थ्य डेटा का विश्लेषण
मैकगिल विश्वविद्यालय के शोधकतार्ओं की एक टीम ने यूके में 50 वर्ष से अधिक आयु के चालीस लाख से अधिक लोगों के स्वास्थ्य डेटा का विश्लेषण किया। निष्कर्षों से पता चला कि जिन लोगों में एच पायलोरी का लक्षणात्मक संक्रमण था, उनमें अल्जाइमर रोग विकसित होने का जोखिम 11 फीसद अधिक था। जबकि अल्जाइमर का कारण बहुआयामी है, निष्कर्ष संक्रमणों, विशेष रूप से एच पायलोरी की संभावित भूमिका पर सबूतों के बढ़ते हुए शरीर पर आधारित हैं। अध्ययन भविष्य के शोध के लिए रास्ते खोलता है, विशेष रूप से यह पता लगाने के लिए कि क्या इस जीवाणु को खत्म करने से कुछ लोगों में अल्जाइमर को प्रभावी ढंग से रोका जा सकता है।
शोधकर्ता बोले- अल्जाइमर विश्व स्तर पर लाखों लोगों को कर रहा प्रभावित
शोधकतार्ओं ने कहा कि अल्जाइमर विश्व स्तर पर लाखों लोगों को प्रभावित करता है, और जनसांख्यिकीय बदलाव के साथ संख्या में तेजी से वृद्धि होने की उम्मीद है। बढ़ती उम्र की आबादी को देखते हुए, अगले 40 वर्षों में मनोभ्रंश की संख्या तीन गुना होने की उम्मीद है। हालांकि, इस बीमारी के लिए प्रभावी उपचार विकल्पों का अभाव है। मैकगिल के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डा पाल ब्रासार्ड ने कहा, हमें उम्मीद है कि इस जांच के निष्कर्ष अल्जाइमर में एच पायलोरी की संभावित भूमिका पर अंतर्दृष्टि प्रदान करेंगे, ताकि जनसंख्या स्तर पर संक्रमण को कम करने के लिए व्यक्तिगत उन्मूलन कार्यक्रमों जैसे रोकथाम रणनीतियों के विकास को सूचित किया जा सके।
एक अनुमान के मुताबिक दुनियाभर में 55 मिलियन (5.5 करोड़) से अधिक लोग इस गंभीर मस्तिष्क/न्यूरोलाजिकल विकार से पीड़ित हैं। अल्जाइमर रोग मुख्यरूप से 60 साल के बाद होता है, यह मस्तिष्क विकार है जो आपके सामान्य दिनचर्या के कार्यों में भी बाधा बन सकती है। इस रोग में मस्तिष्क में कुछ प्रोटीन जमा होने लगते हैं। समय के साथ मस्तिष्क सिकुड़ जाता है, जिससे कोशिकाएं अंतत: मरने लगती हैं। अल्जाइमर रोग, डिमेंशिया का सबसे आम कारण है जिसमें याददाश्त, सोच, व्यवहार और सामाजिक कौशल में कमी आने लगती हैं।
अल्जाइमर रोग का अब तक कोई विशिष्ट इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाएं अस्थायी रूप से इसके लक्षणों को ठीक करने और डिमेंशिया के जोखिमों से बचाने में आपके लिए मददगार हो सकती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, परिवार के लोगों को रोगी के लक्षणों पर विशेष ध्यान देते रहना चाहिए। अल्जाइमर के लिए जितनी जल्दी हो सके इलाज शुरू करने से लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। जहां तक बचाव की बात है, इसके लिए भी कोई ठोस प्रमाण नहीं है, हालांकि जीवनशैली को ठीक रखकर जोखिम कारकों को कम किया जा सकता है। सभी लोगों को इन बातों का युवावस्था से ही पालन करते रहना चाहिए।
