किडनी शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है। यह खून को फिल्टर करके टॉक्सिक पदार्थों को बॉडी से फ्लश आउट करती है। हालांकि आज के समय किडनी स्टोन यानि गर्दे में पथरी की समस्या से आम हो गई है। जाने मानें कंसलटेंट फिजिशियन अमरेंद्र झा के मुताबिक आज हर घर में परिवार का कोई-न-कोई सदस्य किडनी स्टोन की समस्या से पीड़ित है। खराब खानपान जैसे अधिक शुगर और शॉलटी चीजों का सेवन, कम पानी पीने और अधिक नॉनवेज का सेवन करने से लोगों को गर्दे में पथरी हो सकती है।

किडनी स्टोन के प्रकार: गर्दे की पथरी चार प्रकार की होती है, जिनके नाम कैल्शियम ओकसलेट स्टोन, यूरिक एसिड स्टोन, स्ट्रूवैईट स्टोन और सीस्टीन स्टोन हैं। यह पथरी उन लोगों में अधिक होती है, जो अधिक नमक और मीठी चीजें खाते हैं, पानी कम पीते हैं, डायबिटीज के मरीज और जो लोग बहुत कम पेशाब जाते हैं, उनके गुर्दे में पथरी हो सकती है। कुछ लोग खाने में अधिक टमाटर खाते हैं, इसके अलावा अधिक चॉकलेट और पालक का सेवन करने से भी गुर्दे में पथरी हो सकती है। साथ ही अनुवांशिकता के कारण भी किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है।

किडनी स्टोन का किस तरह लगाएं पता: डॉक्टर अमरेंद्र झा के मुताबिक किडनी स्टोन के ज्यादातर मरीजों में कोई लक्षण नहीं होते। टेस्ट के जरिए ही पता चल पाता है कि उनके गुर्दे में पथरी है। हालांकि कुछ लोगों में पेट में दर्द होता है, जो पीठ की तरफ जाता है, कुछ लोगों में पेशाब की जगह दर्द होता है। कुछ लोगों के पैरों में सूजन के कारण किडनी फेल होने लगती है, उस वक्त पता चलता है कि उनके गुर्दे में पथरी है।

किडनी स्टोन के लिए टेस्ट: किडनी फंक्शन टेस्ट, पेट का अल्ट्रासाउंड, पेट की एक्स रे, पेट का सीटी स्कैन और इंट्रावीनस यूरोग्राम आदि के जरिए पता लगाया जाता है कि किडनी के किस हिस्से में पथरी है और किडनी का फंक्शन कैसा है।

अगर पथरी 8 मिलीमीटर से बड़ी है तो आपरेशन की जरूरत होती है। किडनी को सोकवेब लीथोट्रीपसी, पैलोलीथोट्रीपसी और यूरेट्रोसकोपिक स्टोन रिमूवल के जरिए निकाला जाता है। यह ऑपरेशन लेजर और दूरबीन के जरिए किए जाते हैं।