आजकल खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के चलते हार्ट से जुड़ी समस्याएं बहुत तेजी से बढ़ने लगी हैं। लंबे समय तक दिल की बीमारियों को बुजुर्गों की समस्या माना जाता था, लेकिन अब यह युवाओं को भी बहुत हो रही है। आज के समय में युवाओं में हार्ट अटैक के मामले में बढ़ गए हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार, युवाओं में ब्लॉकेज आर्टरी के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। खराब लाइफस्टाइल, बढ़ता मोटापा और जेनेटिक कारण इसकी बड़ी वजह माने जा रहे हैं। हालांकि, आर्टरी ब्लॉकेज के पहले से ही शरीर में लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है और आगे चलकर यही गंभीर समस्या का कारण बन सकते हैं।
क्यों हो रही है आर्टरी ब्लॉकेज की समस्या?
आर्टरीज शरीर में दिल से खून को बाकी अंगों तक पहुंचाने का काम करती हैं। जब इनमें फैट, कोलेस्ट्रॉल और अन्य तत्व जमा होकर प्लाक बना लेते हैं तो खून का बहाव रुकने लगता है और दिल पर दबाव बढ़ता है। पहले यह समस्या धीरे-धीरे कई दशकों में विकसित होती थी, लेकिन आजकल जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, धूम्रपान, वेपिंग, स्ट्रेस और लंबे समय तक बैठे रहने की आदत ने इस प्रक्रिया को बहुत तेज कर दिया है। इसके अलावा मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज और जेनेटिक फैक्टर भी युवाओं में हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ा रहे हैं।
दिल की बीमारी के शुरुआती लक्षण
टीनेजर्स अक्सर मानते हैं कि दिल की बीमारी उनसे कोसों दूर है, इसलिए शुरुआती संकेतों को गंभीरता से नहीं लेते और बहुत से आम लक्षणों को भी नजरअंदाज कर देते हैं, जो धीरे-धीरे आगे चलकर गंभीर समस्या का कारण बन जाते हैं।
- बिना वजह सीने में दर्द या भारीपन
- हल्की एक्टिविटी के बाद भी थकान या सांस फूलना
- दिल की धड़कन तेज होना या अनियमित होना
- बार-बार चक्कर आना या बेहोश होना
- पेट या सीने में दबाव जैसा महसूस होना
आर्टरी ब्लॉकेज का कैसे पता चलता है?
आज मेडिकल साइंस में कई एडवांस टेस्ट उपलब्ध हैं, जिनसे आर्टरी ब्लॉकेज का जल्दी पता लगाया जा सकता है। आर्टरी ब्लॉकेज का पता लगाने के लिए डॉक्टर्स ईसीजी, इकोकार्डियोग्राफी, ट्रेडमिल स्ट्रेस टेस्टिंग, सीटी कोरोनरी एंजियोग्राफी या लिपिड प्रोफाइलिंग आदि की मदद लेते हैं।
कैसे रखें दिल को हेल्दी
राजीव गांधी अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अजीत कुमार ने बताया कि युवाओं में ब्लॉकेज आर्टरी से बचाव के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना सबसे अहम है। फल, सब्जियां, साबुत अनाज, हेल्दी फैट्स और प्रोटीन से भरपूर खानपान अपनाएं और जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड और शुगर की मात्रा कम करें। इसके साथ ही रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉकिंग, रनिंग, साइक्लिंग या कोई भी एक्टिविटी करें। धूम्रपान और अल्कोहल से दूरी बनाए रखें।
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