डायबिटीज एक ऐसी क्रॉनिक बीमारी है जिसके मरीजों की संख्या देश और दुनिया में तेजी से बढ़ रही है। डायबिटीज की बीमारी के लिए सिर्फ आनुवांशिक कारक ही जिम्मेदार नहीं है बल्कि हमारी खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल भी जिम्मेदार है। हमारी खराब जीवन शैली का ही नतीजा है कि ये बीमारी कम उम्र में भी लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है। डायबिटीज की बीमारी एक बार लग जाए तो इसका जड़ से कोई इलाज नहीं किया जा सकता। इस बीमारी को दवाईयों और खान-पान का ध्यान रखकर सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है।

डायबिटीज के मरीजों के लिए जरूरी है कि वो डाइट में कम कार्बोहाइड्रेट,कम वसा और मीठे से परहेज करें। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए बॉडी को एक्टिव रखें और समय-समय पर ब्लड शुगर का टेस्ट करें। ब्लड शुगर बढ़ने पर बॉडी में उसके लक्षण दिखने लगते हैं लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर आपको अपनी ब्लड शुगर रेगुलर चेक करना चाहिए। ब्लड शुगर के मरीज अगर डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए घर में या बाहर जाकर टेस्ट कराते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरुरी है वरना रीडिंग गलत आने का डर रहता है।

कुछ डायबिटीज मरीज ब्लड शुगर तो टेस्ट करते हैं लेकिन दवाई खाकर करते हैं। डायबिटीज मरीजों के ज़हन में ये डर रहता है कि दवाई नहीं खाई तो शुगर हाई हो जाएगा और कई तरह से नुकसान पहुंचाएगा। अक्सर डायबिटीज मरीज फॉस्टिंग शुगर से लेकर पोस्ट मील शुगर टेस्ट दवाई खाकर करते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कौन सा शुगर टेस्ट करते समय डायबिटीज की गोली खानी चाहिए और कौन सा टेस्ट कराते समय दवाई नहीं खानी चाहिए?

फॉस्टिंग शुगर टेस्ट करते समय डायबिटीज की गोली खानी चाहिए या नहीं?

डायबिटोलॉजिस्ट डॉक्टर निखिल प्रभु के मुताबिक डायबिटीज मरीजों के मन में ये सवाल हमेशा रहता है कि शुगर टेस्ट करते समय डायबिटीज की गोली खानी चाहिए या नहीं खानी चाहिए। एक्सपर्ट के मुताबिक अक्सर डायबिटीज मरीज सुबह उठते ही गोली खा लेते हैं ताकि उनका शुगर नॉर्मल रहे। अगर आप डायबिटीज मरीज है और फॉस्टिंग शुगर टेस्ट कराने जा रहे हैं तो खाली पेट ब्लड शुगर कंट्रोल करने की गोली का सेवन नहीं करें। आप फॉस्टिंग शुगर टेस्ट करा रहे हैं तो कोई भी दवाई खाए बिना ही शुगर टेस्ट कराएं तभी स्टीक रीडिंग आएगी।

खाने के बाद की शुगर टेस्ट करने में गोली का सेवन करें या नहीं?

एक्सपर्ट के मुताबिक डायबिटीज मरीज खाली पेट शुगर टेस्ट कराने जा रहे हैं तो बिना गोली खाएं टेस्ट कराएं, लेकिन फॉस्टिंग टेस्ट के दो घंटे बाद शुगर टेस्ट कराने जा रहे हैं तो डायबिटीज की गोली खाकर ही टेस्ट कराने जाएं। खाने के बाद शुगर ज्यादा हो जाती है, ऐसे में आप बिना दवाई के शुगर टेस्ट कराएंगे तो रीडिंग ज्यादा आएगी। इस स्थिति में दवाई के डोज का चयन करना मुश्किल हो जाता है।

HBA1c टेस्ट कराते समय गोली खानी चाहिए या नहीं

अगर आप HBA1c टेस्ट कराने जा रहे हैं जो तीन महीने में एक बार होता है और गोली खाकर जा रहे हैं तो इस टेस्ट पर आपकी दवाई का कोई असर नहीं पड़ता। आप इस टेस्ट को कराने से पहले गोली खाएं या नहीं खाएं कोई फर्क नहीं पड़ता।