Rice for Diabetes Patients: डायबिटीज एक ऐसी लाइलाज बीमारी है जिसमें मरीजों को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। कुछ भी कम-ज्यादा खा लेने से शुगर लेवल में वृद्धि हो सकती है जो कई दूसरी गंभीर शारीरिक जटिलताएं पैदा कर सकता है। अक्सर आपने देखा होगा कि मधुमेह के मरीजों को चावल न खाने की सलाह दी जाती है। माना जाता है कि कुछ मात्रा में भी चावल खाने से रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है। हालांकि पूरी सच्चाई इससे इतर है, आइए जानते हैं विस्तार से –
क्या मधुमेह रोगी खा सकते हैं चावल: चावल में प्रचुर मात्रा में कार्ब्स पाए जाते हैं, हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये पोषक तत्व डायबिटीज रोगियों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। उनके मुताबिक मधुमेह के ऐसे मरीज जो नियमित रूप से अधिक मात्रा में चावल का सेवन करते हैं, उनमें खाने के बाद का शुगर लेवल हाई हो सकता है। उच्च रक्त शर्करा के प्रभाव से शरीर इंसुलिन का उत्पादन कम या बिल्कुल ही बंद कर देता है जिससे मरीजों को परेशानी होने लगती है।
सफेद चावल: हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक सफेद चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स वैल्यू बहुत अधिक होता है, जबकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ डायबिटीज रोगी को लो जीआई युक्त फूड्स खाने की सलाह देते हैं। इसके अलावा, इस तरह के चावल में कार्ब्स भी उच्च मात्रा में पाया जाता है। इतना ही नहीं, पोषक तत्वों की कमी के कारण भी सफेद चावलों से परहेज करना चाहिए।
वहीं, न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स के मुताबिक पॉलिश किये हुए सफेद चावलों में पॉलीफेनॉल, फाइबर और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे पोषक तत्वों की बेहद कमी होती है। वहीं, एक रिसर्च के मुताबिक इस चावल को खाने से मरीजों में टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम बढ़ते हैं। अध्ययन के मुताबिक सफेद चावल के अधिक सेवन से मधुमेह का खतरा 11 फीसदी तक बढ़ जाता है।
ज्यादातर न्यूट्रिशनिस्ट का मानना है कि जो लोग डायबिटीज होने पर सफेद चावल खाना चाहते हैं, उन्हें कम या सीमित मात्रा में ही सेवन करें। एक सप्ताह में एक से दो बार ही चावल खाएं। इसके अलावा, सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस का सेवन भी मरीजों के लिए फायदेमंद होगा।
ब्राउन राइस: ब्राउन राइस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो ब्लड शुगर को नहीं बढ़ने देता है क्योंकि ये पॉलिश्ड होता है। साथ ही, भूरे चावल में फाइबर, खनिज, विटामिन और लाभदायक रसायनों की मात्रा भी ज्यादा होती है। इसको खाने के बाद खून में शुगर का स्तर भी सफेद चावल की तुलना में कम बढ़ता है।
इसके अलावा, जैसमीन राइस, बासमती राइस और वाइल्ड राइस का सेवन भी मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी है। वहीं, पुराने चावल में स्टार्च और जीआई कम होता है। ऐसे में रात भर चावल को भिगोकर सुबह धोकर और माड़ निकालकर चावल का सेवन किया जा सकता है।