कुछ लोग आयुर्वेदिक पद्धति पर बेहद विश्वास करते हैं। सदियों पुरानी ये पद्धति बीमारी का जड़ से इलाज करती है और इसके बॉडी पर कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होते। अभिनेता रोहित रॉय भी आयुर्वेदिक तरीके से इलाज कराने में विश्वास करते हैं। उन्होंने आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति पंचकर्म का सहारा लेकर सिर्फ 14 दिनों में अपना 6 किलो वजन घटाया है। एक्सपर्ट ने बताया कि वो जब आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट कराने केरला गए थे तो उनके साथ पाचन से संबंधी बहुत सारी परेशानियां थी। जब उन्होंने पंचकर्म ट्रीटमेंट कराना शुरू किया तो न सिर्फ उनका पाचन दुरुस्त हुआ बल्कि उनका मोटापा भी कम हुआ।
एक्सपर्ट ने बताया कि वो अब बिना अलार्म के सुबह 6 बजे खुद उठ जाते हैं और उनकी आंत भी जल्दी खुद को साफ कर लेती है। आयुर्वेदिक पद्धति बॉडी को पूरी तरह शुद्ध कर देती है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर आयुर्वेदिक पद्धति की मदद से इतनी तेजी से वजन कैसे कम हुआ और ये पद्धति है क्या जिसका सहारा लेकर अभिनेता ने 14 दिनो में अपना वजन कम कर लिया। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि पंचकर्मा क्या है और ये पद्धति किस तरह काम करती है?
पंचकर्म उपचार क्या है ?
द योगा इंस्टीट्यूट की निदेशक डॉ. हंसाजी योगेन्द्र ने पंचकर्म के बारे में बताया कि यह थेरेपी न केवल बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालती है बल्कि वजन को भी कंट्रोल करती है। पंचकर्म एक पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति है जिसमें ओवर ऑल हेल्थ को दुरुस्त रखने के लिए काम किया जाता है। इस पद्धति में शरीर को शुद्ध करने, वात , पित्त और कफ दोषों को संतुलित करने के लिए पांच अलग-अलग सफाई प्रक्रियाओं का सहारा लिया जाता है।
पंचकर्म थेरेपी सेहतमंद रहने में कैसे मदद करती है?
पंचकर्म उपचार शरीर से सभी टॉक्सिन को बाहर निकालती है, मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करती है, पाचन को बेहतर बनाती है और हार्मोन को बैलेंस करने में मदद करती है। उपचार की इस पद्धति का निर्माण हजारों साल पहले भारत में हुआ था। संस्कृत में ‘पंचकर्म’ शब्द का अर्थ है पांच क्रियाएं जो शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध और तरोताजा करने में मदद करती हैं।
आयुर्वेद में पंचकर्म उपचार की पांच प्रक्रिया जो शरीर का इलाज करती हैं
वमन क्रिया Vamana (Therapeutic Emesis)
वमन क्रिया में पाचन तंत्र से टॉक्सिन को बाहर निकालने के लिए उल्टी करने को प्रेरित किया जाता है ।
विरेचन क्रिया Virechana (Purgation)
जबकि विरेचन क्रिया में आंतों को साफ करने के लिए रेचक का उपयोग शामिल है ।
बस्ती क्रिया Basti (Enema)
बस्ती में निचले पाचन तंत्र को साफ किया जाता है। इसकी सफाई करने के लिए एनिमा का प्रयोग किया जाता है ।
नास्य क्रिया (Nasya)
नास्य क्रिया में साइनस और नाक के मार्ग को साफ करने के लिए औषधीय तेलों या पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है ।
रक्तमोक्षण क्रिया (Raktamokshana)
रक्तमोक्षण रक्तस्त्राव का एक रूप है जिसका उपयोग संचार प्रणाली से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए किया जाता है।
आयुर्वेद के मुताबिक शरीर में जमा होने वाले टॉक्सिन एनर्जी में इम्बैलेंस कर सकते हैं जिससे कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती है। पंचकर्म के पांच प्रमुख उपचारों के जरिए बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकाला जाता है और ओवर ऑल हेल्थ को दुरुस्त किया जाता है।
ये थेरेपी कैसे बॉडी पर करती है असर
पंचकर्म थेरेपी करने से इम्युनिटी स्ट्रांग होती है और पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है। इसकी मदद से तनाव कम होता है और एनर्जी बूस्ट होती है। इस थेरेपी की मदद से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है। पंचकर्म थेरेपी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में अहम किरदार निभाती है।
इस थेरेपी की मदद से बॉडी से टॉक्सिन बाहर निकलते हैं और वजन कंट्रोल रहता है। पंचकर्म पाचन और मेटाबॉलिज्म में सुधार करके अतिरिक्त वजन को कम करने में मदद कर सकता है। यह थेरेपी दिमाग को साफ करने और मानसिक स्पष्टता बढ़ाने में मदद कर सकती है जिससे ध्यान केंद्रित करना आसान होता है।