जैसे-जैसे सर्दियां बढ़ती जाती है, खांसी, जुकाम और गला खराब होने जैसी आम समस्याएं भी बढ़ने लगती हैं। लेकिन कई ऐसी गंभीर समस्याएं भी हैं जिनका खतरा सर्दियों में ज्यादा होता है इनमें से एक है हार्ट स्ट्रोक। कुछ अध्ययन में पाया गया है कि सर्दियों के समय में स्ट्रोक होने की संभावनाएं अधिक होती हैं। ऐसा क्यों होता है, यह तो साफ नहीं हो पाया है लेकिन शोधकर्ताओँ ने कुछ कारकों का पता लगाया है।

नई दिल्ली स्थित पीएसआरआई अस्पताल द्वारा किए गए एक शोध में यह बात सामने आई है। पीएसआरआई अस्पताल के न्यूरोसाइंसेज विभाग के डॉ. अमित वास्तव का कहना है कि सर्दियों के महीनों में सभी प्रकार के स्ट्रोक के मामलों में वृद्धि हो सकती है।

क्यों होता है सीजनल स्ट्रोक:
रिसर्च के अनुसार, गर्म महीनों की तुलना में ठंडे महीनों में स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया है कि अत्यधिक ठंड होने पर खून गाढ़ा होने लगता है जिससे आसानी से थक्का बनने लगता है। अधिकांश स्ट्रोक रक्त के थक्के बनने के कारण होते हैं, जो मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं को ब्लॉक कर देते हैं। इसके अलावा, ठंड के मौसम में हमारे शरीर की प्रतिक्रिया दिल पर अतिरिक्त तनाव डालती है।

ऐसा माना गया है कि ठंड के महीनों में होने वाले स्ट्रोक के अधिकतर कारणों को रोका जा सकता है। सर्दियों में संक्रमण का बढ़ना, सूरज की रोशनी कम होना, डिप्रेशन, घर के अंदर अधिक समय बिताना और व्यायाम की कमी इन कारणों में शामिल है।

कैसे करें बचाव:
डॉ. सुमित गोयल ने इस स्थिति में व्यक्ति की जान बचाने को लेकर कहा है कि हार्ट स्ट्रोक होने पर में व्यक्ति को अगर सही इलाज मिले तो उसमें काफी सुधार हो सकता है। लक्षण के शुरुआती घंटों के अंदर ही व्यक्ति का इलाज कर उसे बचाया जा सकता है। इसके अलावा सर्दियों के दौरान स्वस्थ जीवनशैली का पालन करें।