दुनियाभर में शुगर की बीमारी से करोड़ों लोग जूझ रहे हैं। इस बीमारी में इंसुलिन का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो पाता है और ब्लड में मौजूद ग्लूकोस और शुगर का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। डायबिटीज की बीमारी को हल्के में नहीं लेना चाहिए, नहीं तो यह गंभीर परिस्थितियां पैदा कर सकती है। शरीर में शुगर लेवल बढ़ने के कारण हार्ट अटैक होने का खतरा भी बढ़ जाता है। हालांकि, डायबिटीज के मरीजों को मीठा खाने की क्रेविंग होना आम बात है, लेकिन शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में मीठे की इच्छा को संतुलित तरीके से पूरा करना जरूरी है ताकि ब्लड शुगर न बढ़े।
एक्सपर्ट का क्या है कहना?
फ्रांसीसी बायोकेमिस्ट और ग्लूकोज रिवोल्यूशन और द ग्लूकोज गॉडेस मेथड की बेस्टसेलिंग लेखिका जेसी इनचॉसपे के अनुसार, शरीर पर कम असर डालने वाली मीठी चीजें खाने का एक बेहतर समय होता है। ग्लूकोज गॉडेस के नाम से मशहूर इनचॉसपे ने चीनी खाने के सबसे अच्छे समय के बारे में बताया है।
बायोकेमिस्ट के मुताबिक, चीनी खाने का सबसे अच्छा समय भोजन के बाद होता है, सुबह सबसे पहले या खाली पेट नहीं। लुईस होवेस पॉडकास्ट पर आने के दौरान उन्होंने कहा कि अगर आप चीनी खाना चाहते हैं, जैसे कि कुकी या डोनट या कुछ और, तो उस चीनी को खाने का सबसे अच्छा समय मिठाई के रूप में भोजन के बाद खाना। इससे अधिक डोपामाइन मिलेंगे, आनंद मिलेगा और आपके शरीर पर चीनी का असर कम होगा।
कब खाना चाहिए मीठा
इनचॉसपे ने बताया कि खाली पेट चीनी कभी नहीं खानी चाहिए। हमेशा सुबह चीनी खाने से बचें। नाश्ता नमकीन होना चाहिए। सुबह में कुछ भी मीठा न खाएं। दोपहर के भोजन के बाद मिठाई के लिए रखें।
जब सुबह सबसे पहले चीनी खाई जाती है, तो यह जल्दी पच जाती है, जिससे ग्लूकोज अणु रक्तप्रवाह में तेजी से प्रवेश करते हैं। इसके चलते ब्लड शुगर लेवल में तेजी से उछाल आता है, जिसके लगभग 90 मिनट बाद इसमें तेज गिरावट आती है। ऐसे में सुबह के बाद शरीर में एनर्जी की कमी और अधिक मीठा खाने की लालसा बढ़ जाती है। इसके साथ ही थकान भी महसूस होने लगती है।
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