लिवर शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो पोषक तत्वों का मेटाबॉलिज्म करता है, खून को डिटॉक्स करता है, ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है और एनर्जी का भंडारण करता है, लेकिन अनहेल्दी लाइफस्टाइल, प्रोसेस्ड फूड्स और फिजिकल एक्टिविटी की कमी ने लिवर से जुड़ी बीमारियों को तेजी से बढ़ा दिया है। नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) आज दुनिया की करीब एक-तिहाई आबादी को प्रभावित कर रही है। यह बीमारी शराब से नहीं, बल्कि खराब डाइट, मोटापा, इंसुलिन रेजिस्टेंस और मेटाबॉलिक असंतुलन के कारण होती है।

दरअसल, शुरुआत में लिवर की कोशिकाओं में धीरे-धीरे फैट जमा होता है, लेकिन कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखते। समय रहते इलाज न मिले तो यह नॉन-एल्कोहॉलिक स्टीटोहेपेटाइटिस में बदल सकती है, जिससे सूजन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और लिवर डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। गंभीर मामलों में यह फाइब्रोसिस, सिरोसिस या लिवर कैंसर तक का रूप ले सकती है।

नई स्टडी में उम्मीद की किरण

चीन की सन यात-सेन यूनिवर्सिटी, फिनलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ हेलसिंकी और जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ लीपजिग के वैज्ञानिकों ने मिलकर एक बड़ा शोध किया। इस रैंडमाइज्ड कंट्रोल्ड ट्रायल में 200 मरीज शामिल किए गए जिनको NAFLD यानी फैटी लिवर था।

इस रिसर्च में मरीजों को दो ग्रुप में बांटा गया है। पहले ग्रुप को रोजाना रेसिस्टेंट स्टार्च से भरपूर डाइट दी गई। कंट्रोल ग्रुप अपनी सामान्य डाइट पर रहा। इसके बाद 4 महीने बाद नतीजे जो सामने आए, वह रेसिस्टेंट स्टार्च ग्रुप में लिवर फैट 25% से घटकर 13% रह गया। वहीं, कंट्रोल ग्रुप में केवल मामूली कमी (24% से 21%) देखी गई।

वैज्ञानिकों के मुताबिक, आंतों में मौजूद ट्रिलियंस बैक्टीरिया यानी माइक्रोबायोम लिवर के फैट मेटाबॉलिज्म पर गहरा असर डालते हैं। असंतुलित माइक्रोबायोम लिवर फैट बढ़ाता है। रेसिस्टेंट स्टार्च इन हेल्दी बैक्टीरिया को पोषण देकर शॉर्ट-चेन फैटी एसिड (SCFAs) बनाता है, जो सूजन घटाते हैं, इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाते हैं और मेटाबॉलिज्म को सुधारते हैं।

रेसिस्टेंट स्टार्च क्या है और कैसे काम करता है

रेसिस्टेंट स्टार्च एक खास तरह का कार्बोहाइड्रेट है, जो छोटी आंत में पचता नहीं और सीधे कोलन तक पहुंचता है। वहां यह प्रीबायोटिक की तरह काम करता है और अच्छे बैक्टीरिया को भोजन देता है। यह लिवर फैट को कम करना, ब्लड शुगर को स्थिर रखना, मेटाबॉलिक हेल्थ सुधारना और वजन मैनेजमेंट में मदद करता है।

रेसिस्टेंट स्टार्च से भरपूर फूड्स

अगर, आप अपने डाइट में रेसिस्टेंट स्टार्च शामिल करना चाहते हैं तो यह आसान है। उबले और ठंडे आलू और चावल यानी पकाकर ठंडा करने पर इनमें स्टार्च बढ़ता है।

फैटी लिवर कम कैसे करें

  • फिजिकल एक्टिविटी- फैटी लिवर की समस्या को दूर करने के लिए फिजिकल एक्टिविटी बहुत ही जरूरी है। दिन में कम से कम 30-45 मिनट तक चलना, साइकिल चलाना या तैराकी जैसी एक्सरसाइज करनी चाहिए।
  • ब्लड शुगर कंट्रोल रखें- फैटी लिवर को रिवर्स करने के लिए ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना बहुत ही आवश्यक है। मीठे फूड्स और ड्रिंक्स का सेवन करने से बचें।
  • हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं- फैटी लिवर की समस्या को दूर करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए। हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से कैलोरी की मात्रा नहीं बढ़ती और मोटापा दूर रहता है।

वहीं, एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ. बिमल झाजर ने बताया अगर आपका कोलेस्ट्रॉल हाई है तो आप एनिमल फूड्स का सेवन करने से परहेज करें।