हमारे शरीर में पाई जाने वाली पैंक्रियास नामक ग्रंथि शरीर में इन्सुलिन नामक हार्मोन का स्राव करने का काम करते हैं। जो भोजन से ग्लूकोज और शर्करा को अलग-अलग करके हमारी कोशिकाओं में भेजने का काम करता है। जब यह ग्रन्थि काम करना बंद कर देती है, तब इन्सुन्लिन बनना बंद हो जाता है। जिसकी वजह से टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना होती है। इस तरह की डायबिटीज की समस्या को कम करने के लिए बहुत सी दवाइयों का और अन्य तरह के इन्सुलिन के इंजेक्शन का सहारा लिया जाता है। मगर इस समस्या को दूर करने का एक और बेहतर उपाय है वह है प्याज खाना।
1. द जर्नल ऑफ मेडिसिनल फूड में प्रकाशित एक मेटा-विश्लेषण के अनुसार, प्याज में रक्त शर्करा के स्पाइक का जोखिम कम होता है।
2. क़ुएरसेटीं में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीऑक्सीडेटिव गुण होता है, जो डायबिटीज के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। डायबिटीज जैसी पुरानी बीमारियों के लिए इंफ्लेमेशन एक प्रमुख योगदानकर्ता है।
3. लाल प्याज में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है। फाइबर को टूटने और पचने में कुछ समय लगता है, जिसके कारण वे धीरे-धीरे शर्करा को रक्तप्रवाह में छोड़ देता है, जो आपके रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखता है।
4. क्या आप जानते हैं कि सौ ग्राम प्याज में केवल आठ ग्राम कार्ब्स होता है। डायबिटीज रोगियों को अक्सर उन खाद्य पदार्थों को शामिल करने के लिए कहा जाता है जिनमें कार्बोहाइड्रेट कम होता है। कार्बोहाइड्रेट तेजी से मेटाबोलाइज करता है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव होता है।
5. प्याज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी 55 से नीचे होता है, जो इसे डायबिटीज के लिए लाभकारी बनाता है।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स कार्बोहाइड्रेट को दिया जाने वाला एक स्कोर है जो इस बात पर निर्भर करता है कि वे रक्त शर्करा के उतार-चढ़ाव को कैसे प्रभावित करता है।
6. प्याज में कैलोरी भी कम होती है। वजन बढ़ना टाइप 2 मधुमेह के रोगियों की सामान्य शिकायतों में से एक है। अपने आहार में प्याज को शामिल करने से आपके लिए लाभकारी होता है।