मौसम में बदलाव कई लोगों में सर्दी-जुकाम की परेशानी को बढ़ा देता है। खासकर बच्चे मौसम में जरा भी उलटफेर होने पर जुकाम, खांसी, फ्लू की चपेट में जल्दी आने लगते हैं। तेज धूप में समय बिताने या लू लगने के बाद घर आकर तुरंत ठंडा पानी पी लेना या स्कूल से आने के बाद गर्मी से राहत पाने के लिए एकदम एसी-कूलर के सामने बैठ जाना आदि कारण कई बार जुकाम की परेशानी का कारण बन जाते हैं। अब, चूंकि बच्चों की इम्युनिटी उतनी स्ट्रॉग नहीं होती है, ऐसे में उन्हें इस तरह की परेशानियों से उभरने में भी अधिक समय लगता है। इस स्थिति में अधिकतर मां-बाप मासूम की सेहत को दुरुस्त करने के लिए तमाम तरह की दवाओं का सहारा लेते हैं।

हालांकि, इस तरह की स्थिति में ओवर-द-काउंटर दवाओं की बजाय कुछ प्राकृतिक उपचारों का उपयोग भी राहत प्रदान करने में मददगार साबित हो सकता है। ऐसा ही एक उपाय है काढ़ा। आयुर्वेद में सदियों से सर्दी-जुकाम या फ्लू जैसी परेशानियों का इलाज तमाम तरह की जड़ी-बूटियों से तैयार काढ़े से किया जा रहा है। वहीं, इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन भी एक खास काढ़े की रेसिपी शेयर करती नजर आ रही हैं।

वीडियो में एक्ट्रेस बताती हैं कि वे छोटी उम्र से ही अपने बच्चों को घर पर बने इस काढ़े का सेवन करा रही हैं। इससे ना केवल उन्हें सर्दी-जुकाम, बंद नाक, गले में खराश आदि परेशानियों में राहत मिलती है, बल्कि ये काढ़ा उनकी इम्युनिटी को बूस्ट करने में भी मदद करता है, जिससे वे फ्लू की चपेट में आने से या बार-बार बीमार पड़ने से बचे रहते हैं। आइए जानते हैं रवीना टंडन स्पेशल इस काढ़े की रेसिपी, साथ ही एक्सपर्ट्स से जानते हैं कि क्या वाकई एक्ट्रेस द्वारा सुझाए गए इस टॉनिक का सेवन फायदेमंद हो सकता है?

ऐसे करें तैयार

  • काढ़ा बनाने के लिए सबसे पहले एक गिलास पानी को गैस पर गर्म होने के लिए रख दें।
  • पानी हल्का गर्म होने पर इसमें 1/2 चम्मच अजवाइन, 2 लौंग, 4 काली मिर्च, 1/2 चम्मच ऑर्गेनिक हल्दी (कद्दूकस की हुई), 1/4 चम्मच अदरक (कद्दूकस किया हुआ) और एक छोटा गुड़ का टुकड़ा मिलाकर अच्छी तरह उबलने दें।
  • पानी के खूब खोल जाने के बाद गैस बंद कर दें और आखिर में इसमें एक चम्मच शुद्ध घी मिला लें।
  • चम्मच की मदद से काढ़े को चलाएं और फिर छानकर इसका सेवन करें।

कितना प्रभावी है ये नुस्खा?

इसे लेकर इंडियन एक्सप्रेस संग हुई एक खास बातचीत के दौरान हंग्री कोआला, बेंगलुरु की वरिष्ठ पोषण विशेषज्ञ इप्सिता चक्रवर्ती ने बताया, ‘काढ़े का सेवन ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देता है, साथ ही इसे पीने से शरीर में गर्मी का एहसास बढ़ता है, जिससे बंद गले या बंद नाक से राहत मिलती है। काढ़ा इम्यूनिटी को भी बूस्ट करने में मदद करता है, जिससे शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद मिल सकती है।’

अब, बात रवीना टंडन द्वारा बताए गए काढ़े की करें, तो इसे लेकर न्यूट्रिशनिस्ट बताती हैं-

  • अजवाइन, लौंग और काली मिर्च जैसे गर्म मसाले सूजन-रोधी और प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुणों से भरपूर होते हैं। अजवाइन पाचन में सहायता कर सकती है, जबकि लौंग और काली मिर्च में संभावित एंटीबैक्टीरियल प्रभाव होते हैं।
  • ऑर्गेनिक हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो सूजन-रोधी गुणों वाला एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है।
  • अदरक गले की खराश को शांत करने और मतली को कम करने की अपनी क्षमता के लिए प्रसिद्ध है। साथ ही अदरक में इम्यून-मॉड्यूलेटिंग प्रभाव भी होते हैं।
  • घी स्वस्थ वसा का बेहतरीन स्रोत होता है, साथ ही ये आंत के स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है।
  • वहीं, गुड़ या शहद प्राकृतिक स्वीटनर होने के साथ-साथ गले की खराश पर सुखदायक प्रभाव डालते हैं। साथ ही इनमें एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो भी शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचा सकते हैं। ऐसे में इस काढ़े का सेवन यकिनन फायदेमंद हो सकता है।

बरते ये सावधानी

  • पोषण विशेषज्ञ बताती हैं, तमाम फायदों के बावजूद ज्यादा मात्रा में काढ़े का सेवन करने से बचें। आप इसे हफ्ते में दो बार बच्चों को दे सकते हैं।
  • कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित लोगों के लिए काढ़े के सेवन से पहले हेल्थ एक्सपर्ट्स से सलाह लेना जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि काढ़े में मौजूद घी में सैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक होती है, जो एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (जिसे अक्सर खराब कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है) बढ़ा सकता है। खतरे को कम करने के लिए आप घी की जगह एवोकैडो तेल जैसे उच्च मोनोअनसैचुरेटेड फैट वाले स्रोतों का चयन कर सकते हैं।
  • इन सब से अलग डायबिटीज से पीड़ित लोग बिना गुड़ या शहद के काढ़े को बनाकर इसका सेवन करें।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।