अगर आपकी टांगें बार-बार थक जाती हैं, सीढ़ियां चढ़ना मुश्किल लगता है, या मांसपेशियां ढीली और कमजोर लगती हैं तो समझ लीजिए कि शरीर में प्रोटीन की मात्रा घट गई है। 50 साल की उम्र के बाद शरीर की मांसपेशियां हर साल लगभग 1-2% तक घटने लगती हैं, जिसे सार्कोपेनिया कहा जाता है। अगर बच्चे,युवा और बुजुर्ग रोजाना पर्याप्त प्रोटीन नहीं लेते हैं, तो मांसपेशियों का नुकसान तेजी से बढ़ता है, खासकर टांगों में। ये नुकसान बुजुर्गों में तेजी से होता है। पैरों में होने वाली कुछ परेशानियां जैसे पैरों में कमजोरी, हर वक्त थकान, बैठने से उठने में कठिनाई होना और गिरने का डर प्रोटीन की कमी के शुरुआती संकेत हो सकते हैं।

प्रोटीन सिर्फ बॉडी बिल्डिंग के लिए ही जरूरी नहीं होता बल्कि ये कोशिका और ऊतक की मरम्मत करने, नई मांसपेशियों का निर्माण करने, हड्डियों को मजबूत करने, चोटों की जल्दी रिकवरी करने और इम्यूनिटी मजबूत करने में भी जरूरी होता है। उम्र बढ़ने पर शरीर को मरम्मत की जरूरत सबसे ज्यादा होती है, ऐसे में अगर प्रोटीन इनटेक कम किया जाए तो परेशानी बढ़ सकती है।

हेल्थलाइन के मुताबिक प्रोटीन की जरूरत उम्र, गतिविधि और स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार बदलती रहती है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार 60 साल से ऊपर के व्यक्ति को कम से कम 1-2 ग्राम प्रोटीन का सेवन प्रति किलो शरीर के वजन के हिसाब से लेना चाहिए। सामान्य वयस्कों को रोजाना वजन के 1 किलो पर 0.8 से 1 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है। 60 साल से ऊपर के व्यक्ति को रोजाना 1-2 ग्राम प्रोटीन प्रति किलो अपने वजन के हिसाब से लेना चाहिए। उदाहरण के लिए 60 किलो वजन वाले व्यक्ति को 60-120 ग्राम प्रोटीन रोजाना चाहिए। लेकिन भारत में ज्यादातर बुजुर्ग केवल 30-35 ग्राम प्रोटीन ही लेते हैं।

कब समझें शरीर में हो गई प्रोटीन की कमी

टांगों में भारीपन या थरथराहट होने पर, बार-बार गिरने का डर, चोट लगने पर देर से भरना, लगातार थकान, बाल झड़ना, त्वचा ढीली होना, भूख कम लगना और चलने की रफ्तार धीमी होने जैसे लक्षण महसूस करें तो समझ जाएं कि आपकी बॉडी में प्रोटीन की कमी की वजह से ये संकेत दिख रहे हैं।

टांगों को मजबूत करने के लिए क्या खाएं

छाछ के साथ भुना हुआ चना खाएं

ICMR के मुताबिक अगर आपके पैरों में कमजोरी है, सीढ़ियां चढ़ना मुश्किल होता है तो आप चने का सेवन करें।  50 ग्राम भुने चने में लगभग 10 ग्राम प्रोटीन होता है। इसे छाछ के साथ लेने से पाचन बेहतर होता है और प्रोटीन का अवशोषण बढ़ता है। यह मांसपेशियों की ताकत बनाए रखने में मदद करता है।

अंडा खाएं

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिपोर्ट के मुताबिक एक उबला अंडा में लगभग 6 ग्राम प्रोटीन होता है। रोज 1-2 अंडे लेने से मांसपेशियों के घटने को धीमा किया जा सकता है। रोज अंडा खाने से प्रोटीन की कमी पूरी होती है और पैरों में ताकत आती है।

मूंग दाल का करें सेवन

National Institute of Nutrition के मुताबिक एक प्लेट मूंग दाल में 12-15 ग्राम प्रोटीन होता है। अंकुरित मूंग में अमीनो एसिड्स अधिक प्रभावी होते हैं, जिससे मांसपेशियों की मरम्मत और विकास में मदद मिलती है। अगर आप पैरों को मजबूत करना चाहते हैं तो मूंग दाल का सेवन करें।

दूध और पनीर का करें सेवन

Indian Menopause Society (IMS) के मुताबिक 200 मिली दूध में 8 ग्राम प्रोटीन होता है जो बॉडी के लिए बेहद उपयोगी है। 100 ग्राम घर के बने पनीर में 18 ग्राम प्रोटीन होता है। IMS की रिपोर्ट के अनुसार दूध और पनीर से मिलने वाला प्रोटीन बुजुर्गों में मांसपेशियों की कमी को धीमा करता है। दूध और पनीर का सेवन रोज करें आपकी टांगों में जान आएगी।

सोयाबीन खाएं

Journal of Nutrition, 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक 100 ग्राम सोयाबीन में लगभग 40 ग्राम प्रोटीन होता है। इसे भिगोकर और अच्छी तरह उबालकर खाया जाए तो पैरों में जान आती है। ये शाकाहारी बुजुर्गों के लिए मांसपेशियों की ताकत बनाए रखने का बेहतरीन स्रोत है।

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