वृंदावन के संत प्रेमानंद जी महाराज की सेहत इन दिनों ठीक नहीं है। उनके करोड़ों भक्त भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि उन्हें जल्द स्वस्थ कर दें। प्रेमानंद जी महाराज लंबे समय से किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं। प्रेमानंद महाराज को पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (पीकेडी) है, जो किडनी की एक गंभीर बीमारी है। दरअसल, पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज एक जेनेटिक डिसऑर्डर है, जो जीन में म्यूटेशन के कारण होता है। इसके कारण किडनी में सिस्ट बन जाते हैं, जिसके चलते हाई बीपी और किडनी फेलियर भी हो सकता है।
कब हुई थी बीमारी की शुरुआत
प्रेमानंद जी महाराज को 2006 में पेट में दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद जांच में पता चला कि उनकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं, जिसके बात डॉक्टरों ने बताया कि उनके पास केवल 2 से 2.5 वर्ष का जीवन शेष है। इसके बावजूद उन्होंने सकारात्मक सोच और आस्था के साथ स्थिति को स्वीकार किया और जीवन को एक नई दिशा दी।
डायलिसिस और उपचार
प्रेमानंद जी की दोनों किडनियां लगभग दो दशकों से पूरी तरह काम नहीं कर रही हैं और वह नियमित रूप से डायलिसिस पर निर्भर हैं। पहले उन्हें सप्ताह में पांच दिन डायलिसिस की आवश्यकता होती थी, लेकिन अब उन्हें प्रतिदिन डायलिसिस करवानी पड़ रही है।
लक्षण और बचाव
PKD के सामान्य लक्षणों में पीठ या बाजू में दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, सिरदर्द, पेशाब में खून आना, यूटीआई और किडनी स्टोन शामिल हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना, नियमित व्यायाम करना, ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखना और नमक का सेवन कम करना जरूरी है।
क्या है उपचार
PKD यानी पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है। ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने, डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट जैसे उपचार के विकल्प उपलब्ध हैं। प्रेमानंद जी के मामले में उनकी सकारात्मक मानसिकता और आध्यात्मिक साधना ने उन्हें इस कठिन समय में भी जीवित और एक्टिव रखा है।
वहीं, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने टॉप 10 गट-फ्रेंडली स्नैक्स शेयर किए हैं। उन्होंने बताया कि ये हेल्दी स्नैक्स पेट को हल्का रखते हैं, डाइजेशन को सपोर्ट करते हैं और एनर्जी लेवल को स्टेबल बनाए रखते हैं।