बीते कुछ सालों में डायबिटीज के बढ़ते मामले दुनिया भर के लिए चिंता का बड़ा कारण बनकर उभरे हैं। बता दें कि डायबिटीज एक गंभीर और ताउम्र रहने वाली बीमारी है। यानी एक बार डायबिटीज की चपेट में आने पर इसे पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है। ऐसे में पीड़ित को उम्र भर दवाइयों के सहारे रहना पड़ता है। इसके अलावा मधुमेह यानी डायबिटीज से पीड़ित होने पर समय के साथ व्यक्ति की आंखों की रोशनी कम होने लगती है, दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, किडनी पर बेहद खराब असर होने लगता है, इसके अलावा भी मधुमेह की स्थिति कई तरह से पीड़ित की सेहत को प्रभावित करने लगती है।
कैसे होती है डायबिटीज?
डायबिटीज के दो टाइप हैं। टाइप 1 डायबिटीज अनुवांशिक होती है और टाइप 2 डायबिटीज के पीछे हेल्थ एक्सपर्ट्स खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल को शुरुआती कारणों में सबसे अहम बताते हैं। ये दोनों की स्थिति सेहत के लिए बेहद गंभीर हैं। हालांकि, इनमें एक राहत की बात यह है कि अगर समय रहते टाइप 2 डायबिटीज के लक्षणों को पहचान लिया जाए, तो सही इलाज की मदद से स्थिति को अधिक गंभीर होने से रोका जा सकता है। इसी कड़ी में यहां हम आपको डायबिटीज से पहले प्री डायबिटीज की स्थिति में नजर आने वाले कुछ आम लक्षणों के बारे में बारे में बता रहे हैं।
इससे पहले जान लेते हैं कि आखिर प्री डायबिटीज है क्या?
दरअसल, डायबिटीज से पीड़ित लोगों में इंसुलिन की मात्रा कम होने लगती है या शरीर इंसुलिन का इस्तेमाल सही ढंग से नहीं कर पाता है। ऐसे में इंसुलिन प्रतिरोध के चलते ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा अनकंट्रोल तरीके से बढ़ने लगती है। वहीं, मैक्स हेल्थकेयर, नई दिल्ली में एंडोक्रिनोलॉजी और डायबिटीज एक्सपर्ट डॉ अंबरीश मिथल बताते हैं कि एक हेल्दी व्यक्ति में 90 से 110 mg/dl फास्टिंग ब्लड शुगर हो, तो ये नॉर्मल स्थिति है। अगर खाना खाने के बाद बल्ड शुगर लेवल 150 mg/dL तक या इससे नीचे है, तो भी ये नॉर्मल ही है। हालांकि, इससे अधिक बढ़ने पर ये प्री डायबिटीज या डायबिटीज की श्रेणी में आने लगता है।
डॉ. मिथल के मुताबिक, प्री डायबिटीज की स्थिति में व्यक्ति में ब्लड शुगर लेवल सामान्य से ज्यादा होता है, लेकिन इतना ज्यादा नहीं कि उसे टाइप-2 डायबिटीज की श्रेणी में रखा जा सके। यानी अगर एक अडल्ट व्यक्ति का फास्टिंग शुगर लेवल 120 mg/dL तक चला जाता है, तो यह प्री डायबेटिक कंडीशन है। 120 से 130 के बीच फास्टिंग ब्लड शुगर डायबिटीज का बॉर्डलाइन है। ऐसे में अगर इस स्टेज में लापरवाही बरती जाए, तो ये आगे चलकर बेहद खतरनाक स्थिति में बदल सकता है। वहीं, अगर किसी अडल्ट व्यक्ति का खाना खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल 200 mg/dL तक पहुंच गया है, तो ये भी प्री डायबेटिक कंडीशन ही है और इसे भी हल्के में लेना सेहत को भारी नुकसान पहुंचाने जैसा है।
इन लक्षणों से करें पहचान
अचानक वजन बढ़ना
अगर आपका वजन अचानक बढ़ने लगा है, खासकर पेट और कमर के आसपास चर्बी अधिक बढ़ गई है, तो एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। बता दें कि पेट के पास अचानक बढ़ती चर्बी इंसुलिन प्रतिरोध के चलते हो सकती है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है, जो समय के साथ डायबिटीज का कारण बन सकता है।
घाव जल्दी न भर पाना
अगर आपको हफ्तों पहले शरीर के किसी हिस्से पर चोट लगी है और आपको ऐसा महसूस हो रहा है कि आपका घाव जल्दी भर नहीं पा रहा है, तो ऐसे में भी बिना समय गवाए एक बार अपनी जांच करा लें। घाव का देर से ठीक होना प्रीडायबिटीज का एक और संभावित संकेत है। प्रीडायबिटीज में उच्च रक्त शर्करा घाव के बैक्टीरिया को रोकने में नाकाम करने लगती है, इससे बैक्टीरिया घाव पर लेयर बना लेता है और वह भर नहीं पाता है।
थकान और कमजोरी
अगर आपको बिना अधिक काम किए हर वक्त थकान और कमजोरी का सामना करना पड़ता है या आप खुद को बीमार महसूस करने लगे हैं, तो ये प्री प्रीडायबिटीज का लक्षण हो सकता है। शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बनाने या उसका पर्याप्त मात्रा में उपयोग नहीं हो पाने पर व्यक्ति को अत्यधिक थकान व कमजोरी महसूस होने लगती है। ऐसे में समय रहते इस स्तिथि पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है।
एकैंथोसिस निगरिकन्स
एकैंथोसिस निगरिकन्स एक ऐसी स्थिति है जब किसी व्यक्ति की गर्दन, बगल या घुटनों के आसपास काली, मोटी त्वचा नजर आने लगती है। ये भी इंसुलिन प्रतिरोध के चलते हो सकता है, जो प्रीडायबिटीज का एक प्रमुख कारक है।
बार-बार बीमार पड़ना
इन सब से अलग अगर आप बार-बार बीमार पड़ने लगे हैं, खासकर संमक्रण का शिकार जल्दी हो जाते हैं, तो ये भी प्री डायबिटीज का एक और शुरुआती संकेत हो सकता है। ब्लड शुगर लेवल हाई होने से इम्यून सिस्टम ठीक ढंग से काम नहीं कर पाता है। इसके चलते पीड़ित अधिक तेजी से संक्रमण की चपेट में आता है। इस तरह के लक्षण नजर आने पर एक बार डायबिटीज एक्सपर्ट्स से अपनी जांच जरूर करा लें।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।