डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसके लिए खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल जिम्मेदार है। डायबिटीज के लिए तनाव और जेनेटिक कारण भी कसूरवार हैं। फैमिली में किसी को डायबिटीज है तो आप इस बीमारी के लिए प्रोन हो जाते हैं। डायबिटीज की बीमारी रातो-रात नहीं पनपती इसके ग्रो होने में कम से कम एक साल या उससे ज्यादा का समय लगता है। डायबिटीज की बीमारी होने से पहले की स्थिति प्रीडायबिटीज की होती है।
विजयनगर दिल्ली में डायबिटोलॉजिस्ट डॉक्टर अनिल गोबर के मुताबिक फॉस्टिंग शुगर 100 MG/DL से कम हो तो उसे ठीक माना जाता है लेकिन जब फॉस्टिंग शुगर इससे ज्यादा होने लगे तो आप शुगर की बीमारी की चपेट में है। इसी तरह अगर आपका पोस्ट मील शुगर 144 से 200 MG/DL के बीच में रहे तो आपका शुगर हाई माना जाता है। जिन लोगों के ब्लड शुगर का लेवल ये रहता है उसमें से 10-20 फीसदी लोग शुगर के मरीज बन जाते हैं।
अगर आपका फॉस्टिंग ब्लड शुगर 118 से ऊपर और पोस्ट मील शुगर अक्सर 144 से ऊपर आता है तो आप प्रीडायबिटीज की स्थिति में आते हैं। इस स्तर पर जिन मरीजों की शुगर है वो कभी भी डायबिटीज की श्रेणी में पहुंच सकते हैं।
प्रीडायबिटीज की स्थिति में आपकी बॉडी में कुछ लक्षण दिखते हैं जैसे
- बहुत ज्यादा प्यास लगना
- अधिक भूख लगना
- थकान ज्यादा रहना
- ज्यादा खाने पर भी वजन का कम होना
- जल्दी पेशाब आना भी प्रीडायबिटीज का संकेत हो सकता हैं।
प्रीडायबिटीज की स्थिति का पता कैसे लगाएं?
प्रीडायबिटीज की स्थिति का पता लगाने के लिए HBA1C टेस्ट किया जाता है। डॉक्टर अंकुर नायर ने बताया कि hba1c ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन को कहते हैं आमतौर पर हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन को खून में ले जाता है। अगर खून में ग्लूकोज की मात्रा ज्यादा होती है तो ये हीमोग्लोबिन से जुड़कर ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन बना सकता है। HBA1C टेस्ट की मदद से मरीज के ब्लड में मौजूद ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन की मात्रा का पता लगता हैं। इस टेस्ट की मदद से पता चलता है कि मरीज का पिछले 2-3 महीनों में ब्लड शुगर का स्तर कितना रहा है। उसका ब्लड शुगर नॉर्मल रहा है या हाई रहा है।
HBA1C टेस्ट कैसे किया जाता है?
इस टेस्ट को करने के लिए ब्लड सैंपल लेने की आवश्यकता होती है। इस टेस्ट को करने के लिए ब्लड आमतौर पर पेशेंट की बाजू से लिया जाता है। इस टेस्ट को करने से पहले किसी खास तरह की कोई हिदायत नहीं दी जाती ये मरीज की सुविधा के मुताबिक कभी भी किया जा सकता है।
HBA1C टेस्ट का रिजल्ट कैसे जाने
इस टेस्ट के रिजल्ट को पढ़ने के लिए नॉर्मल वैल्यूज < 6% पेशंट के वैल्यूज 6-6.5% है तो उसे डायबिटीज हो सकती है। डायबिटीज पेशंट में 6.9% से कम होनी चाहिए। रिपोर्ट में मरीज की > 7% से ज्यादा है तो वो अपनी शुगर कंट्रोल नहीं कर रहा जिसकी वजह से मरीज को भविष्य में किडनी और नर्वस डिसऑर्डर की परेशानी हो सकती है।