डायबिटीज एक साइलेंट किलर है जो एक बार बॉडी में लग जाए तो धीरे-धीरे बॉडी को घुन की तरह खाती रहती है। डायबिटीज की बीमारी से पहले प्री डायबिटीज की स्थिति आती है, ये वो स्थिति है जब ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ जाता है लेकिन इतना ज्यादा नहीं बढ़ता कि डायबिटीज की श्रेणी में शामिल हो। नॉर्मल ब्लड शुगर  70 से 99 mg/dL  तक होता है। अगर फास्टिंग ब्लड शुगर 100-125 mg/dL के बीच और पोस्ट प्रांडियल शुगर लेवल 140-160 mg/dL के बीच हो तो इसे प्री डायबिटीज की स्थिति कहा जाता है। जब शरीर इंसुलिन प्रतिरोध दिखाना शुरू कर देता है, तो इसे प्री-डायबिटीज कहा जाता है।

हार्वर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर आप प्री-डायबिटीज है तो आपको एक साल के अंदर टाइप-2 डायबिटीज होने की संभावना लगभग 10% है जबकि भविष्य में टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना लगभग 70% है। प्री डायबिटीज है तो आप इस स्थिति को रिवर्स कर सकते हैं लेकिन डायबिटीज को रिवर्स करना मुश्किल काम है। प्री डायबिटीज को आप तभी रिवर्स कर पाएंगे जब आप उसके लक्षणों को पहचानेंगे। हेल्थलाइन के मुताबिक प्री डायबिटीज की स्थिति में बॉडी में कुछ लक्षण दिखने लगते हैं जैसे

  • बहुत ज्यादा प्यास लगना
  • बार-बार यूरिन डिस्चार्ज होना
  • बहुत ज्यादा थकान होना
  • वजन में बदलाव, खासतौर पेट के आस-पास चर्बी बढ़ना
  • स्किन पर काले धब्बे आना
  • आंखों से धुंधला दिखाई देना
  • मूड स्विंग की परेशानी होना

प्री डायबिटीज का पता कैसे लगाएं?

प्री-डायबिटीज का पता लगाने के लिए HBA1C टेस्ट कराएं जिसमें हीमोग्लोबिन A1C टेस्ट की रिपोर्ट 5.7% और 6.4% के बीच आती है। ओरल ग्लूकोज टेस्ट रिजल्ट 140 mg/dL और 199 mg/dL के बीच होता है। जबकि फास्टिंग ब्लड शुगर का रिजल्ट 100 और 125 mg/dL के बीच होता है।

प्री डायबिटीज को रिवर्स कैसे करें

  1. प्री-डायबिटीज को रिवर्स करना चाहते हैं तो हेल्दी डाइट का सेवन करें। डाइट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट जैसे पोषक तत्वों से भरपूर फूड्स का सेवन करें। डाइट में प्रोसेस फूड, चीनी वाले ड्रिंक और हाई कैलोरी फूड्स का सेवन करने से बचें। डाइट में कार्ब्स को कंट्रोल करें। कार्ब्स का ज्यादा सेवन ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाता है।
  2. प्री-डायबिटीज की स्थिति में हैं तो एक्सरसाइज को इग्नोर नहीं करें। हफ्ते में कम से कम 150 मिनट तक एक्सरसाइज करें। एक्सरसाइज में आप एरोबिक्स गतिविधि जैसे तेज चलना, साइकिल चलाना और स्विमिंग कर सकते हैं। इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने और ब्लड में शुगर के स्तर को कंट्रोल करने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी कर सकते हैं।
  3. वजन को कंट्रोल करें। कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि प्री-डायबिटीज मरीज अगर अपने वजन को कंट्रोल करते हैं तो इस बीमारी को आराम से रिवर्स कर सकते हैं। रोजाना आधा घंटे एक्सरसाइज करके आप 5% से 7% तक वजन कम कर सकते हैं। प्री डायबिटीज की स्थिति में अगर मरीज तीन साल तक रेगुलर एक्सरसाइज करता है तो आसानी से इस बीमारी को रिवर्स कर सकता है।
  4. क्वालिटी स्लीप बेहद मायने रखती है। रात में बिना किसी रुकावट के  7 से 9 घंटे सोना जरूरी है। खराब नींद हॉर्मोन इम्बैलेंस कर सकती है और इंसुलिन प्रतिरोध में परिवर्तन पैदा कर सकती हैं जो प्री-डायबिटीज की कंडीशन को खराब कर सकती है।
  5. तनाव से दूर रहें। इस बीमारी के पनपने का सबसे बड़ा कारण तनाव है। लगातार लम्बे समय तक तनाव में रहने से ये बीमारी तेजी से पनपती है। अगर प्री डायबिटीज को रिवर्स करना चाहते हैं तो तनाव से दूर रहें।