बवासीर, फिस्टुला और फिशर ये तीनों गुदा द्वार (anus)में होने वाली बीमारियां हैं जो बेहद परेशान करती हैं। गुदा द्वार 4-5 सेमी लंबा होता है जिससे हम सभी स्टूल पास करते हैं। ये तीनों परेशानियां एनस में ही होती है। पाइल्स, फिस्टुला और फिशर तीनों बीमारियां खराब डाइट और खराब लाइफस्टाइल की वजह से होती हैं। इन बीमारियों के कारणों की बात करें तो कब्ज, पाचन संबंधी दिक्कतें, गैस की परेशानी और मोटापा की वजह से पनप सकती हैं। आइए जानते हैं कि तीनों बीमारियां कैसे एक दूसरे से भिन्न हैं और उनके लक्षण कौन कौन से हैं।
पाइल्स क्या है: पाइल्स की परेशानी गुदा के टर्मिनल हिस्से में सूजन वाली नसें हैं। ये बीमारी ज्यादातर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को होती है। पाइल्स दो तरह की होती है एक खूनी बवासीर और दूसरी बादी बवासीर। खूनी बवासीर में मस्से खूनी सुर्ख होते हैं और उनसे ब्लड आता है, जबकि बादी बवासीर में मस्से काले रंग के होते है और मस्सों में दर्द और सूजन की शिकायत होती है। बवासीर के साथ होने वाला दर्द, रक्तस्राव और तेज खुजली बेहद परेशान करती है।
बवासीर के लक्षण: स्टूल पास करते समय ब्लड आना, कभी-कभी रक्त गुदा के आस-पास क्लॉट कर जाता है जिससे बाहरी बवासीर होता है।
फिशर क्या है? फिशर गुदा के चारों ओर एक कट या दरार है जो बहुत दर्दनाक होता है। जिन लोगों को फिशर की परेशानी होती है उन्हें स्टूल पास करने के लिए काफी जोर लगाना पड़ता है। फिशर की परेशानी कब्ज की वजह से या फिर भारी सामान उठाने की वजह से हो सकती है। ये परेशानी 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को ज्यादातर परेशान करती है।
फिशर के लक्षण: इस परेशानी में गुदा से खून या मवाद आ सकता है, गुदा के आस-पास जलन या खुजली होना, गुदा के आस-पास के क्षेत्र में खुजली होना, गुदा के पास के क्षेत्र में तेज जलन होना शामिल है।
फिस्टुला क्या है? फिस्टुला जिसे भगंदर भी कहते हैं। ये एक ऐसी बीमारी है जिसमें एनल कनाल के आस-पास एक छेद बन जाता है जिससे पस निकलती और दर्द होता है। इलाज न होने पर बार-बार पस बनती है।
फिस्टुला के लक्षण: फिस्टुला के लक्षणों की बात करें तो मरीज को एनल के आसपास तेज दर्द होता है और दर्द बढ़ता जाता है, एनल के आस-पास खुजली भी होती है और इसमें सूजन आ जाती है, एनल के पास की स्किन लाल होना, पस बनना, स्टूल पास करने में दर्द होना शामिल है।
तीनों में क्या विभिन्नता है: पाइल्स की परेशानी में मरीज को दर्द कम होता है जबकि फिशर में काफी दर्द रहता है। फिस्टुला में गुदा से मवाद आता है। इन तीनों असहज परिस्थितियों में मरीज को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।