Diabetes Complications: जब लोग डायबिटीज से ग्रस्त होते हैं तो उनका ब्लड शुगर लेवल लगातार बढ़ा हुआ रह सकता है। लंबे समय तक रक्त शर्करा अधिक रहने से शरीर के दूसरे अंगों पर भी असर पड़ता है जिससे कई दूसरी समस्याएं (Diabetes Complications) हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि सुबह जब लोग करीब 8 घंटे तक बगैर खाए-पीये रहते हैं तो उनका ब्लड शुगर रेंज (Blood Sugar Range) 100 mg/dL के नीचे होना चाहिए। वहीं, खाने के 2 घंटे बाद इसका स्तर 140 mg/dL से कम रहना चाहिए।
क्या होने लगती है परेशानियां: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहना जरूरी है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के मुताबिक जिन लोगों को प्री-डायबिटीज के लक्षण दिखते हैं उन्हें शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए डाइट और एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है।
शुगर लेवल पर काबू नहीं रहने से लोगों को दूसरी परेशानियों से भी गुजरना पड़ता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि डायबिटीज रोगियों का अगर रक्त शर्करा बढ़ जाए तो मरीजों को स्वास्थ्य संबंधी 10 परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
– पैन्क्रियाज क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
– ब्लड वेसल्स हार्ड हो जाते हैं जिससे एथेरोस्कलेरोसिस का खतरा बढ़ता है।
– किडनी रोग, फेलियर
– स्ट्रोक
– हार्ट अटैक
– धुंधलापन या अंधापन
– इम्युन सिस्टम कमजोर होना जिससे इंफेक्शन का खतरा होता है।
– पैर और एड़ियों में सूनापन
-घाव भरने में समय लगना
– इरेक्टाइल डिसफंक्शन
कैसे करें शुगर लेवल की जांच: आमतौर पर रक्त शर्करा की जांच (Blood Sugar Test) के लिए डॉक्टर्स मरीजों को 3 प्रकार के चेकअप की सलाह दे सकते हैं।
फास्टिंग प्लाजमा ग्लूकोज टेस्ट – इसके जरिये डॉक्टर्स मरीजों का फास्टिंग यानी करीब 8 घंटे तक भूखे रहने के बाद शुगर लेवल टेस्ट करते हैं। बताया जाता है कि ये मरीजों में अधिकांश समय ये 126 mg/dL से ज्यादा है।
ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट – इस जांच में फास्टिंग के बाद कुछ खाने या पीने दिया जाता है और उसके करीब 2 घंटे बाद दोबारा शुगर लेवल की जांच होती है। बताया जाता है कि मरीजों में इसका लेवल 200 से अधिक ही होता है।
रैंडम चेक – ये टेस्ट किसी भी व्यक्ति जिसमें डायबिटीज के लक्षण जैसे कि ज्यादा यूरिनेशन, प्यास लगना, वजन में गिरावट या अधिकता होने पर रैंडम चेकिंग की सलाह दी जाती है।

