पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक आम हार्मोनल स्थिति है जो 10 में से 1 महिला को प्रभावित करती है। यह अक्सर अनियमित मासिक धर्म यानी पीरियड्स, वजन में उतार-चढ़ाव और हार्मोनल असंतुलन होने के कारण होती है। ऐसी स्थिति में महिलाओं का लाइफस्टाइल भी प्रभावित होता है। हालांकि, इसका कोई एक इलाज नहीं है, लेकिन पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome) से जूझ रही महिलाओं के लिए सही डाइट बहुत जरूरी है। हार्मोन बैलेंस रखने, वजन कंट्रोल करने और इंसुलिन रेजिस्टेंस को सुधारने के लिए सुबह का नाश्ता हेल्दी और पोषक तत्वों से भरपूर होना चाहिए। फिटनेस एक्सपर्ट अंशुला कपूर के मुताबिक, PCOS फ्रेंडली ब्रेकफास्ट में हाई प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट शामिल होना चाहिए, ताकि ब्लड शुगर स्थिर रहे और हार्मोनल बैलेंस बना रहे। अंशुला कपूर ने PCOS की समस्या से निजात पाने के लिए कुछ पीसीओएस-फ्रेंडली फूड स्वैप शेयर किए हैं।
अंशुला कपूर के मुताबिक, पीसीओएस से परेशान महिलाओं को अपने नाश्ते में चिप्स की जगह मखाना का सेवन करना चाहिए, जो अनहेल्दी फैट के बिना फाइबर और आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि अगर, आप PCOS से जूझ रही हैं, तो हाई-प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट वाला ब्रेकफास्ट जरूर लें। ओट्स, स्प्राउट्स, हाई प्रोटीन युक्त फूड और ग्रीक योगर्ट यानी दही को अपनी डाइट में शामिल करें और प्रोसेस्ड फूड, चीनी और कैफीन से बचें। सही डाइट और लाइफस्टाइल से PCOS के लक्षणों को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
बाजरा या ज्वार की रोटी
अंशुला ने बताया कि ऐसी स्थिति में गेहूं आधारित रोटियों के बजाय, बाजरा या ज्वार की रोटी ज्यादा फायदेमंद होगी, जो फाइबर से भरपूर होती हैं और ब्लड शुगर के लेवल को भी कंट्रोल करने के लिए अच्छी होती हैं।
बिना चीनी वाला ग्रीक दही
नाश्ते के रूप में प्रोटीन से भरपूर ग्रीक दही का सेवन करना चाहिए, जो पेट को भरा हुआ रखती है और पेट को हेल्दी रखने में भी असरदार है। ग्रीक योगर्ट प्रोबायोटिक्स से भरपूर होता है, जो गट हेल्थ सुधारता है और हार्मोन बैलेंस करने में मदद करता है। इसके साथ ही ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और रसबेरी एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन C से भरपूर होते हैं, जो इंफ्लेमेशन कम करते हैं।
प्रोटीन से भरपूर ओट्स
इसके अलावा प्रोटीन से भरपूर ओट्स का सेवन किया जा सकता है। ओट्स फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जो इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करने में मदद करते हैं। ये डाइजेशन बेहतर करता है और लंबे समय तक भूख नहीं लगने देता।
आयुर्वेद और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स के अनुसार, सही डाइट और फैट बर्निंग फूड्स को शामिल करने से मेटाबॉलिज्म तेज होता है और फैट तेजी से बर्न होता है।