दांत या मसूड़ों में दर्द का अहसास होने पर अक्सर लोग परेशान हो जाते हैं और तुरंत इनकी जांच करने डेंटिस्ट के पास पहुंच जाते हैं। हालांकि, इससे अलग बेहद कम लोग ऐसे हैं जो मसूड़ों के रंग की ओर ध्यान देते हैं। आपको बता दें कि दर्द से अलग मसूड़ों का रंग भी आपकी सेहत से जुड़े कई राज खोल सकता है। खासकर अगर आपको मसूड़ों के रंग में अचानक बदलाव देखने को मिले, तो इसे नजरअंदाज करने की गलती बिल्कुल न करें। ये किसी बड़ी परेशानी की ओर इशारा हो सकता है। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी ही परेशानियों के बारे में बता रहे हैं।

इससे पहले जान लेते हैं कि स्वस्थ मसूड़ों का रंग कैसा होता है?

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आमतौर पर हल्के गुलाबी रंग के मसूड़ों को स्वस्थ माना जाता है। इससे अलग अगर आपके मसूड़ों का रंग अचानक बदलने लगा है, तो ये किसी गंभीर बीमारी का लक्षण भी हो सकता है। आइए जानते हैं कैसे रंग देखकर आप अपने स्वास्थ्य का पता लगा सकते हैं।

लाल रंग

कई बार ब्रश करते समय किसी हिस्से पर चोट लगने या मसूड़ों के छिल जाने पर वो हिस्सा लाल पड़ जाता है। हालांकि, अगर आपके मसूड़े हर जगह से लाल पड़ रहे हैं, तो ये पेरियोडोंटल रोग के चलते हो सकता है। इस तरह की स्थिति में मसूड़े सूज जाते हैं और उनसे ब्लीडिंग भी होने लगती है। वहीं, अगर लंबे समय तक इस समस्या पर ध्यान न दिया जाए, तो दांत ढीले हो सकते हैं या उन्हें निकालना भी पड़ सकता है।

भूरा रंग

अगर आपके मसूड़ों का रंग अचानक भूरा पड़ने लगा है, तो बता दें आपको अपनी सेहत पर खास ध्यान देने की जरूरत है। भूरा रंग इस बात की ओर संकेत हैं कि आपकी इम्युनिटी कमजोर हो गई है। इसके अलावा बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण, अधिक धुम्रपान करने, तनाव या हार्मोनल बदलाव के चलते भी मसूड़ों का रंग भूरा पड़ने लगता है।

काला रंग

शरीर में मेलानिन का लेवल बढ़ने पर मसूड़े काले पड़ने लगते हैं। बता दें कि मेलानिन कि वजह ही स्किन का रंग बदल जाता है। ऐसे में अगर आपकी स्किन का रंग सांवला है तो आपके मसूड़े का रंग हल्का काला पड़ना नॉर्मल है। हालांकि, अगर आपकी स्किन का रंग तो साफ है लेकिन अचानक मसूड़े काले हो रहे हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करें। ऐसा किसी दवा के साइडइफेक्ट्स के चलते हो सकता है, अल्सरेटिव जिंजिवाइटिस की बीमारी में मसूड़ों का रंग काला पड़ने लगता है, विटामिन डी की कमी के चलते ऐसा हो सकता है, इन सब के अलावा अधिक मात्रा में तंबाकू के सेवन के चलते भी मसूड़ों का रंग काला पड़ जाता है।

पीला रंग

मसूड़ों का रंग पीला पड़ना एनीमिया के चलते हो सकता है। शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के चलते मसूड़े अधिक पीले दिखने लगते हैं। ऐसा होने पर एक बार अपनी जांच जरूर करा लें।

बैंगनी रंग

इन सब के अलावा अगर आपके मसूड़ों का रंग बैंगनी होने लगा है, तो भी आपको जांच करने की जरूरत है। बैंगनी रंग इस ओर इशारा है कि संक्रमण टिशूज को अंदर तक प्रभावित कर चुका है। जब मसूड़े की सूजन पेरियोडोंटाइटिस या पेरियोडोंटल टिशूज की सूजन में विकसित हो जाती है, तब लाल मसूड़े पूरी तरह से बैंगनी हो जाते हैं। ऐसे में अधिक देरी किए डेंटिस्ट से सलाह जरूर लें।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।