ब्रेन ट्यूमर दिमाग में होने वाली एक प्रकार की कैंसरयुक्त वृद्धि है, जो डेली के कामकाज को प्रभावित कर सकती है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन बुजुर्गों में इसकी आशंका ज्यादा होती है। ब्रेन ट्यूमर के आम लक्षणों में सिरदर्द, मिर्गी के दौरे और देखने में समस्या शामिल हैं, लेकिन एक लक्षण जो अक्सर नजरअंदाज हो जाता है, वह है नींद में परेशानी। ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित कई मरीजों को नींद आने में कठिनाई होती है या रात में बार-बार नींद टूट जाती है। ऐसी समस्याएं नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं और इससे कई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पैदा होती हैं। खराब नींद से दिन में नींद आना, ध्यान की कमी, भ्रम, याददाश्त कमजोर होना और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लगातार खराब नींद हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, डिमेंशिया और कई अन्य बीमारियों के जोखिम को बढ़ा देती है। ऐसे में कुछ चीजों को ध्यान में रखते हुए इस समस्या से बचा जा सकता है।

एचसीजी कैंसर सेंटर, कोलाबा, कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट, डॉ. आदित्य गुढ़ाटे ने बताया कि नींद को हल्के में लेना हानिकारक हो सकता है। ये ब्रेन ट्यूमर का संकेत भी हो सकता है। ऐसे में समय रहते इसकी पहचान करना और बचाव करना सेहत के लिए लाभकारी हो सकता है। जिससे कई गंभीर समस्याओं से बचाव होने के साथ-साथ दिमाग की हेल्थ भी ठीक हो सकती है।

कई मामलों में ब्रेन ट्यूमर अत्यधिक नींद का कारण भी बन सकता है। ऐसे मरीज दिन में बहुत सुस्त रहते हैं और बार-बार सोने लगते हैं। इनमें एकाग्रता की कमी और स्मृति संबंधी समस्याएं देखी जाती हैं। इसके साथ ही ध्यान की कमी के कारण चलते समय गिरने का खतरा भी रहता है। ऐसे यह समझना जरूरी है कि ब्रेन ट्यूमर केवल मस्तिष्क में ही नहीं, शरीर के किसी अन्य हिस्से के कैंसर के मस्तिष्क तक फैलने से भी हो सकता है। जैसे कि ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों में कैंसर ब्रेन तक फैल सकता है और वहां ट्यूमर बना सकता है। ऐसे में नींद की गुणवत्ता, अवधि और उसमें होने वाले बदलावों पर ध्यान देना खासकर उन मरीजों के लिए जरूरी है जिन्हें पहले से ही कैंसर का पता चल चुका है।

कैसे करें बचाव

नींद से जुड़े लक्षणों को समझने और ब्रेन ट्यूमर की जांच के लिए न्यूरोलॉजिस्ट्स ने कुछ ‘रेड फ्लैग्स’ तय किए हैं। जैसे कि नींद में परेशानी के साथ-साथ स्मृति में कमी, सिरदर्द, नजर की समस्या, दौरे, वजन घटना आदि। यदि कोई व्यक्ति इन लक्षणों से पीड़ित है, तो तुरंत ब्रेन ट्यूमर की जांच करवाना जरूरी है।

क्या है इलाज

जल्दी पहचान होने पर ब्रेन ट्यूमर का इलाज संभव है और कैंसर से पूरी तरह ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। इलाज के विकल्पों में न्यूरोसर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी शामिल हैं। वहीं, नींद से जुड़े लक्षणों का इलाज भी संभव है।

नींद से जुड़ी दिक्कतों के लिए दवाओं से पहले ‘स्लीप हाइजीन’ यानी नींद के सही तरीके अपनाने की सलाह दी जाती है। इसमें हर दिन एक निश्चित समय पर सोना और उठना, सोने से पहले कैफीन या उत्तेजक दवाओं से बचना, स्क्रीन टाइम कम करना जैसे उपाय शामिल हैं। जरूरत पड़ने पर मेलाटोनिन, बेंजोडायजेपीन, ओरैक्सिन एंटागोनिस्ट जैसी दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है।

वहीं, बारिश के मौसम में बीमार नहीं पड़ना, तो आपको अपनी थाली में शामिल करनी चाहिए कुछ खास मौसमी सब्जियों को खाना चाहिए। इससे न केवल इम्यून सिस्टम को बूस्ट होता है, बल्कि शरीर के हर अंग को मजबूती मिलती है।