डेस्क वर्क करते हैं और घंटों कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं तो कमर में दर्द होना लाज़मी है। ये दर्द रीढ़ की हड्डी और पीठ के निचले हिस्से में रहता है तो आपको स्पॉन्डिलाइटिस की परेशानी हो सकती है। जैसे-जैसे ये परेशानी बढ़ती है तो ये दर्द कमर के ऊपरी हिस्से तक बढ़ने लगता है। इस दर्द की वजह से गर्दन में अकड़न पैदा होती है। अगर इसका उपचार नहीं किया जाए तो धीरे-धीरे ये परेशानी और भी ज्यादा जटिल होने लगती है।
स्पॉन्डिलाइटिस हड्डियों से संबंधित बीमारी है जिसमें मुख्य रूप से रीढ़ की हड्डी और कूल्हे की हड्डी में तेज दर्द होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक ये परेशानी गठिया का ही एक रूप है, जिसमें रीढ़ की हड्डी से लेकर गर्दन तक में दर्द रहता है। स्पॉन्डिलाइटिस की वजह से रीढ़ की हड्डी में सूजन होने लगती है। स्पॉन्डिलाइटिस का सबसे आम कारण पीठ दर्द और गर्दन का दर्द है। आइए जानते हैं कि स्पॉन्डिलाइटिस को लक्षण कौन-कौन से हैं और उसका उपचार कैसे करें।
स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षण: मांसपेशियों में दर्द या ऐंठन होना, रीढ़ की हड्डी को हिलाने पर चटकने जैसा महसूस होना, हाथ या पैर में कमजोरी, मूत्राशय पर कंट्रोल नहीं होना, चलने में परेशानी होना शामिल है। स्पॉन्डिलाइटिस की परेशानी में दवाई के साथ ही कुछ घरेलू उपचार किए जाए तो दर्द से राहत पाई जा सकती है। आइए जानते हैं कि कैसे करें घर में दर्द का उपचार।
- स्पॉन्डिलाइटिस के दर्द से राहत पाने के लिए आप गर्दन और कंधे पर बर्फ से या फिर हीटिंग पैड से सिकाई करें। सिकाई करने से स्टिफनेस कम होगी और मांसपेशियों के दर्द की अकड़न से राहत मिलेगी।
- इस दर्द का उपचार करने के लिए योगा कीजिए। पद्मासन, यष्टिकासन, ताड़ासन स्पोंडिलाइटिस के दर्द को कम करने में बेहद मददगार है। स्पॉन्डिलाइटिस के दर्द को कम करने के लिए रेगुलर योगा कीजिए। इस दर्द से राहत पाने के लिए रोजाना एक्सरसाइज भी कर सकते हैं।
- मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए दर्द के तेल से मसाज करें। गर्दन से लेकर कमर के निचले हिस्से तक हल्के हाथों से मसाज करने से दर्द से राहत मिलती है।
- हल्दी, अदरक, मेथी, अश्वगंधा और गुग्गुल का सेवन करें। एंटी-इंफ्लेमेंटरी गुणों से भरपूर ये जड़ी बूटियां स्पोंडिलाइटिस के दर्द को दूर करने में असरदार साबित होती है। गुग्गुल और अश्वगंधा का सेवन डॉक्टर की सलाह पर करें ज्यादा बेहतर रहेगा।
इन बातों का रखें ध्यान।
- लम्बे समय तक कंप्यूटर पर काम नहीं करें। आधे घंटे के बाद ब्रेक जरूर लें।
- कंप्यूटर पर काम करते समय बेहद छुककर नहीं बैठे। अगर आप बैठते हैं तो एक घंटे बाद बॉडी को रिलेक्स दें।
- पॉश्चर में सुधार करें। कमर को सीधे रखकर बैठें।
- गर्दन और कमर की एक्सरसाइज करें।