Myopia: आजकल के समय में खराब लाइफस्टाइल और खानपान के चलते बीमारियों का खतरा अधिक बढ़ गया है। खराब लाइफस्टाइल के साथ ही मोबाइल फोन और अन्य स्क्रीन भी हमारा पीछा नहीं छोड़ रही है। पढ़ाई से लेकर कामकाज तक हर काम में स्क्रीन के आगे बैठे रहना पड़ता है, जिसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। खराब लाइफस्टाइल और स्क्रीन का लंबे समय तक इस्तेमाल बच्चों के स्वास्थ्य को अधिक प्रभावित कर रहा है। एक स्टडी के मुताबिक, मायोपिया (Myopia) की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। जिसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ रहा है और बच्चों की आंखों की रोशनी (Eyesight) कमजोर हो रही है।

ब्रिटिश जर्नल ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक भारत में 5 से 15 वर्ष की आयु के लगभग एक-तिहाई बच्चे मायोपिया से पीड़ित हो सकते हैं। ऐसा खराब लाइफस्टाइल और स्क्रीन का लंबे समय तक इस्तेमाल आदि के कारण हो सकता है। रिसर्च से पता चला है कि भारत में इसकी दर 2050 तक 49 फीसदी तक पहुंच जाएगी। निकट दृष्टि (Myopia) भविष्य में एक गंभीर समस्या बनने वाली है।

क्या है मायोपिया बीमारी

मायोपिया आंखों की एक आम समस्या है। मायोपिया से पीड़ितों को दूर की वस्तुएं देखने में परेशानी होती है, लेकिन पास का साफ दिखाई देता है। आंखों की यह समस्या बच्चों में अधिक पाई जाती है। कुछ मामलों में यह रोग आनुवांशिक (Genetic) कारणों से भी होता है। ऐसे में डॉक्टर चश्मा पहनने की सलाह देते हैं। हाल ही आई रिपोर्ट के अनुसार, हर साल मायोपिया के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस बीमारी को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है।

नेत्र एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मायोपिया की बीमारी से बचने के लिए माता-पिता को अपने बच्चों की आंखों के स्वास्थ्य को लेकर सावधान रहना चाहिए। मायोपिया को रोकने के लिए नियमित जांच और स्क्रीन एक्सपोजर को सीमित करना आवश्यक है। बच्चे जितनी देर तक स्क्रीन का उपयोग करेंगे, उनमें मायोपिया का खतरा उतना ही अधिक होगा। ऐसे में बच्चों को फोन का इस्तेमाल कम करने की कोशिश करनी चाहिए। बिना वजह उन्हें फोन या लैपटॉप न दें।

कैसे रोकें मायोपिया की बीमारी

मायोपिया का इलाज चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस पहनकर किया जा सकता है, लेकिन अगर इससे राहत नहीं मिलती है तो लेजर सर्जरी से मायोपिया को ठीक किया जा सकता है। कुछ मामलों में कॉर्निया सर्जरी की भी जरूरत पड़ती है। हालांकि, मायोपिया को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से आंखों की जांच करानी चाहिए। इसके साथ ही जितना हो सके स्क्रीन के उपयोग से बचें और अपने खानपान पर भी ध्यान दें।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।