दिल्ली के अस्पतालों में 221 डेंगू के मरीज उपचाराधीन है। इस समय अस्पतालों में कुल भर्ती मरीजों में से 25 फीसद मरीज आसपास के राज्यों से आ कर अपना इलाज करा रहे हैं। इतने मामले सामने आते ही दिल्ली सरकार ने डेंगू के मरीजों के अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ा दी है। दिल्ली सरकार का दावा है कि इस समय दिल्ली में डेंगू के मरीजों की संख्या 2019 की तरह ही सबसे निचले स्तर पर बनी हुई है।

दिल्ली सरकार के मुताबिक अस्पतालों में 221 मरीज भर्ती हैं, जिसमें से दिल्ली के 179 मरीज हैं। इसके अतिरिक्त 42 मरीज दूसरे राज्यों से आए हुए हैं। दिल्ली सरकार के सूत्रों ने बताया कि 21 अस्पतालों में से तीन अस्पतालों में एक भी मरीज भर्ती नहीं है, जबकि 10 अस्पतालों में एकल आंकडेÞ में मरीज भर्ती हैं। मामले में दिल्ली की स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि दिल्ली में डेंगू की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। दिल्ली के अस्पतालों में मरीजो के लिए पर्याप्त संख्या में बिस्तर मौजूद है। स्थिति अभी भी 2019 की तरह ही हैं। उन्होंने बताया कि 2020 में कोरोना संक्रमण के अधिक मामले थे और लोग घरों में थे। इस कारण और डेंंगू के मामले भी कम आए थे।

सरकार के मुताबिक दिल्ली में डेंगू को लेकर तनाव की आवश्यकता नहीं है। दिल्ली में बुखार के जितने भी मरीज अस्पताल में आ रहे हैं, उनमें केवल 25 फीसद ही डेंगू पाया जा रहा है। जबकि अन्य बुखार के मरीजों को एक-दो दिन में अस्पताल से छुट्टी मिल जा रही है। मरीजों के लिए अस्पतालों में करीब 11 हजार बिस्तर हैं जबकि 221 मरीज ही भर्र्ती है। दिल्ली सरकार की 10 हफ्ते, 10 बजे और 10 मिनट अभियान से भी मामलों में कमी लाने में मदद हुई है।

गौतमबुद्धनगर में मिले 13 और मामले
उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले में गुरुवार को डेंगू के 13 और मरीजों की पुष्टि हुई। वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले में अबतक डेंगू के 275 मामले आ चुके हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा सुनील शर्मा ने बताया कि एलाइजा जांच में 13 और लोगों को डेंगू होने की पुष्टि हुई है जिन्हें मिलाकर इस मौसम में अब तक 275 मामले आ चुके हैं। सीएमओ ने बताया कि डेंगू बुखार के रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है। इलाके में ‘फागिंग व एंटी लार्वा’ का छिड़काव कराया जा रहा है। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि वे अपने घर के आस-पास खाली स्थानों पर जलभराव न होने दें।