मेंटल हेल्थ सिर्फ बीमारी या इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव, मानसिक थकान और उदासी आम समस्या बनती जा रही है। काम का दबाव, मोबाइल और सोशल मीडिया, नींद की कमी और अकेलापन, ये सब धीरे-धीरे दिमाग पर असर डालते हैं। लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो मेंटल हेल्थ सुधारने के लिए हर बार दवा या बड़े बदलाव की जरूरत नहीं होती। रोज की कुछ छोटी-छोटी आदतें मन को हल्का, शांत और संतुलित बना सकती हैं। तो चलिए जानते हैं 10 ऐसी आसान और असरदार आदतों के बारे में जिन्हें रोजमर्रा की जिंदगी में अपनाकर आप न सिर्फ तनाव को कम कर सकते हैं, बल्कि अपनी मानसिक सेहत को लंबे समय तक बेहतर भी बना सकते हैं।
घर की अव्यवस्था कम करें
बिखरा हुआ कमरा या घर सिर्फ देखने में ही खराब नहीं लगता, बल्कि दिमाग को भी बेचैन करता है। जब चारों तरफ सामान फैला होता है, तो मन अनजाने में तनाव महसूस करता है। रोज सिर्फ 10–15 मिनट निकालकर अलमारी, टेबल या किसी एक कोने को साफ करना शुरू करें। जैसे-जैसे घर व्यवस्थित होगा, वैसे-वैसे मन भी हल्का और साफ महसूस करेगा।
रोज थोड़ी देर टहलना बनाएं आदत
चलना सिर्फ शरीर के लिए नहीं, दिमाग के लिए भी बेहद फायदेमंद है। सुबह या शाम की 20–30 मिनट की वॉक तनाव को कम करती है और मूड बेहतर बनाती है। अगर हरियाली या खुले माहौल में चलें तो असर और भी अच्छा होता है। कोशिश करें कि टहलते समय मोबाइल से दूरी रखें और आसपास की चीजों को महसूस करें।
समय पर और पौष्टिक भोजन करें
हम जो खाते हैं, उसका सीधा असर हमारे दिमाग पर पड़ता है। ज्यादा तला-भुना और जंक फूड कुछ देर खुशी देता है, लेकिन बाद में थकान और चिड़चिड़ापन बढ़ा देता है। घर का बना खाना, फल, सब्ज़ियां, दाल, दही और सूखे मेवे दिमाग को शांत रखते हैं और एनर्जी लेवल संतुलित बनाए रखते हैं।
मनपसंद संगीत से लें मानसिक सुकून
संगीत भावनाओं पर गहरा असर डालता है। जब मन भारी हो, तो पसंदीदा गाने सुनना तुरंत राहत देता है। कई लोग सफर के दौरान या काम करते समय संगीत सुनकर खुद को ज्यादा रिलैक्स महसूस करते हैं।
पढ़ने की आदत से दिमाग को दें ब्रेक
लगातार स्क्रीन देखने से दिमाग थक जाता है। ऐसे में किताबें, कहानियां या हल्की-फुल्की मैगज़ीन पढ़ना बहुत फायदेमंद होता है। पढ़ने से दिमाग नकारात्मक सोच से हटकर दूसरी दुनिया में चला जाता है, जिससे तनाव कम होता है और ध्यान लगाने की क्षमता भी बढ़ती है।
मोबाइल और सोशल मीडिया पर लगाएं लगाम
बार-बार फोन चेक करना और सोशल मीडिया पर दूसरों की जिंदगी से खुद की तुलना करना मानसिक दबाव बढ़ा सकता है। दिन में कुछ समय ऐसा तय करें जब फोन आपसे दूर रहे। खासकर सोने से पहले स्क्रीन टाइम कम करना मेंटल हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है।
अपनों से जुड़े रहना है सबसे जरूरी
जब मन परेशान होता है, तो खुद को अकेला महसूस करना आसान हो जाता है। लेकिन किसी भरोसेमंद दोस्त या परिवार के सदस्य से बात करने से मन का बोझ हल्का होता है। अपनी बातें साझा करना कमजोरी नहीं, बल्कि मानसिक मजबूती की निशानी है।
शौक के लिए समय निकालें
कोई ऐसा काम करें जिसमें आपका मन पूरी तरह लग जाए जैसे कुकिंग, बागवानी, पेंटिंग, डांस या घर की सफाई। जब आप किसी पसंदीदा गतिविधि में डूब जाते हैं, तो दिमाग को नकारात्मक सोच से आराम मिलता है।
रोज कुछ मिनट खुद को रिलैक्स दें
गहरी सांस लेना, हल्की स्ट्रेचिंग या आंखें बंद करके शांत बैठना, ये छोटे अभ्यास दिमाग को शांत करने में मदद करते हैं। दिन में 5–10 मिनट भी नियमित रूप से ऐसा करने से तनाव में बड़ी राहत मिल सकती है।
हंसी को बनाएं दिनचर्या का हिस्सा
हंसी एक प्राकृतिक दवा है। मज़दार वीडियो देखना, कॉमेडी सुनना या किसी ऐसे इंसान से बात करना जो आपको हंसा दे, ये सब मूड को तुरंत बेहतर बनाते हैं। हंसने से शरीर में ऐसे हार्मोन निकलते हैं जो तनाव कम करते हैं।
निष्कर्ष
मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना एक दिन का काम नहीं, बल्कि रोज की छोटी कोशिशों का नतीजा है। ये आसान आदतें आपको रोजमर्रा के तनाव से बेहतर तरीके से निपटने में मदद कर सकती हैं। लेकिन अगर उदासी, चिंता या तनाव लंबे समय तक बना रहे, तो डॉक्टर या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहद जरूरी है।
डिस्क्लेमर
यह स्टोरी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार की गई है। किसी भी तरह के स्वास्थ्य संबंधी बदलाव या डाइट में परिवर्तन करने से पहले अपने डॉक्टर या योग्य हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
