पैरों में दर्द रहना और चलते समय पैर लड़खड़ाना एक ऐसी परेशानी है जिसके लिए कोई एक कारण जिम्मेदार नहीं है बल्कि कई अंदरूनी वजह हैं जो पैरों को कमजोर बनाती हैं। बॉडी में विटामिन B12 की कमी या डायबिटिक न्यूरोपैथी के कारण नसें कमजोर हो जाती हैं। जब नसें मांसपेशियों को सही संकेत नहीं भेज पातीं, तो पैर डगमगाने लगते हैं। उम्र बढ़ने के साथ मांसपेशियां टूटने लगती हैं, इसे सार्कोपेनिया कहा जाता है। इससे पैरों में ताकत कम हो जाती है और चलना कठिन लगता है। अगर पैरों तक खून पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंचता तो पैर सुन्न होने लगते हैं, पैरों में दर्द और अस्थिरता महसूस होती है।
विटामिन और मिनरल की कमी भी हड्डियों व मांसपेशियों को कमजोर बनाती है। जोड़ों की कमजोरी या गठिया (Arthritis) घुटनों या टखनों में सूजन या दर्द होने पर पैर सही तरह टिक नहीं पाते, जिससे लड़खड़ाहट होती है। बहुत देर तक बैठे रहने से ब्लड फ्लो कम होता है और पैरों की ताकत कम महसूस होती है।
चलते समय पैर लड़खड़ाना सिर्फ उम्र का असर नहीं, बल्कि शरीर के अंदर बढ़ती कमजोरी का संकेत होता है। कई लोगों को अचानक पैर डगमगाना, हल्का मोड़ आने पर संतुलन बिगड़ना और सीढ़ियां चढ़ते समय डर महसूस होता है। यह पैरों की नसों, मांसपेशियों और हड्डियों के कमजोर होने से होता है। विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स की कमी, खासकर B12 की कमी नसों को कमजोर बनाती है, जिससे मांसपेशियों को सही संकेत नहीं मिल पाते। उम्र बढ़ने के साथ रक्त नलिकाएं सख्त होने लगती हैं, जिससे पैरों तक ऑक्सीजन कम पहुंचती है। अगर आप भी पैरों की कमजोरी, पैरों की लड़खड़ाहट से परेशान हैं तो कुछ देसी सूप का सेवन करें। ये सूप बी 12 की कमी को पूरा करेंगे, बॉडी के लिए जरूरी पोषक तत्वों को पूरा करेंगे और कमजोर टांगों की नसों में जान डालेंगे।
मूंग दाल सूप से करें टांगों को स्ट्रांग
हेल्थलाइन के मुताबिक मूंग दाल का सूप प्रोटीन, मैग्नीशियम और पोटैशियम से भरपूर होता है जो मांसपेशियों को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाता हैं। यह सूप उन लोगों के लिए खास फायदेमंद है जिन्हें पैरों में दर्द, कमजोरी या चलते समय लड़खड़ाहट की समस्या रहती है। इसमें मौजूद मिनरल्स मांसपेशियों के टूट-फूट को ठीक करते हैं, नसों को पोषण देते हैं और बॉडी में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाए रखते हैं। नियमित रूप से मूंग दाल का सूप पीने से पैरों की दर्द, सुन्नपन और थकान में राहत मिल सकती है।
बोन सूप पिएं
वेबएमडी के मुताबिक सर्दी में चिकन, मटन और मछली की हड्डियों को उबालकर तैयार किया गया सूप आपके पैरों की हड्डियों और जोड़ों को ताकत देगा। ये सूप बॉडी में विटामिन बी 12 की कमी को पूरा करेगा और बॉडी के लिए जरूरी पोषक तत्वों की भरपाई करेगा। इस सूप को बनाने के लिए हड्डियों को धीमी आंच पर कई घंटों तक पकाया जाता है, जिससे हड्डियों के अंदर मौजूद पोषक तत्व सूप में निकल आते हैं जो पैरों की कमजोरी दूर करने में बेहद फायदेमंद माने जाते हैं। इसमें मौजूद कैल्शियम, फॉस्फोरस, कोलेजन और अमीनो एसिड हड्डियों को भीतर से मजबूत बनाते हैं। बोन सूप मांसपेशियों की रिकवरी तेज करता है और जोड़ों में लचीलापन लाता है, जिससे चलने में होने वाली लड़खड़ाहट और दर्द कम हो सकता है। इसमें मौजूद जिलेटिन नसों को पोषण देता है और हड्डियों के घनत्व को बढ़ाता है। नियमित सेवन से पैरों की थकान, कमजोरी और सुन्नपन में सुधार देखने को मिलता है।
पालक का सूप पिएं
पालक एक ऐसी सब्जी है जो पोषक तत्वों से भरपूर है। पालक में नाइट्रेट और आयरन भरपूर होता है, जो रक्त प्रवाह बढ़ाता है और ऑक्सीजन पहुंचाकर मांसपेशियों को सक्रिय करता है। इन सूपों का नियमित सेवन करने से 10–15 दिनों में असर दिखने लगता है। पालक के सूप में भरपूर मात्रा में आयरन, मैग्नीशियम और नाइट्रेट्स पाए जाते हैं, जो पैरों तक खून का प्रवाह बढ़ाते हैं और मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं। नाइट्रेट्स रक्त वाहिकाओं को फैलाने में मदद करता हैं, जिससे पैरों में थकान और सुन्नपन कम होता है। आयरन की कमी से होने वाली कमजोरी और थकान दूर होती है। नियमित रूप से पालक का सूप पीने से चलने में स्थिरता, मांसपेशियों की ताकत और ऊर्जा बढ़ती है। इसे सुबह या शाम के समय लेना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है।
इन बातों का भी रखें ध्यान
सिर्फ अच्छा भोजन ही नहीं, बल्कि लंबे समय तक बैठे रहना, पानी कम पीना और डाइट में प्रोटीन का कम सेवन करने से पैर कमजोर बनाते हैं। जब भोजन और जीवनशैली दोनों सुधरते हैं, तो नसों का स्वास्थ्य बेहतर होता है, रक्त प्रवाह बढ़ता है और मांसपेशियों की टूटन कम होती है।
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