राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव कई तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं। अचानक से उनकी तबीयत बिगड़ गई और आनन-फानन में उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनका इलाज चल रहा है और डॉक्टरों ने हालत को स्थिर बताया है। आपको बता दें कि लालू यादव ने कुछ समय पहले किडनी ट्रांसप्लांट कराया है। अब सवाल ये उठता है कि क्या किडनी ट्रांसप्लांट के बाद किडनी से जुड़ी बीमारियों का खतरा बना रहता है। क्या लालू यादव किडनी से जुड़ी किसी समस्या के कारण हॉस्पिटल में एडमिट हुए है। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद किडनी की बीमारियों का जोखिम बना रहता है और ऐसे में किडनी की देखभाल कैसे की जाती है। आइए एक्सपर्ट से पूछते हैं इन सभी सवालों के जवाब।
फोर्टिस अस्पताल, नोएडा में निदेशक, नेफ्रोलॉजी, डॉ अनुजा पोरवाल ने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट के बाद मरीज के शरीर में एक नई किडनी बनती है। इस किडनी की देखरेख करने के लिए मरीज को किडनी ट्रांसप्लांट की दवाइयों जिसे ट्रांसप्लांट इम्यूनो सेपरेशन का सेवन करने की जरूरत होती है। ट्रांसप्लांट मरीज को इस सेपरेशन को कभी भी स्किप नहीं करना चाहिए। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि किडनी ट्रांसप्लांट के बाद मरीज को कौन-कौन सी बीमारियों का जोखिम रहता है और किस तरह से किडनी की देखभाल करें।
ट्रांसप्लांट के बाद कौन-कौन सी परेशानियों का बढ़ सकता है खतरा
- किडनी ट्रांसप्लांट के बाद अगर मरीज ट्रांसप्लांट इम्यूनो सेपरेशन का सेवन नहीं करें तो रिजेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।
- किडनी ट्रांसप्लांट के बाद दिल के रोगों का खतरा भी बढ़ने लगता है। इसलिए ट्रांसप्लांट के बाद मरीज हेल्दी डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाएं।
डाइट का रखें ध्यान
मरीज के लिए हेल्दी डाइट का सेवन करना बेहद जरूरी है। ताजा बना हुआ खाना खाएं। डाइट में फ्रूट्स और सब्जियों का सेवन करें। रोजाना तीन से चार लिटर पानी का सेवन जरूर करें। बाहर का खाना खाने से परहेज करें। नई किडनी की देखभाल करने के लिए आप डाइट में नमक और तेल का सेवन कम करें।
हेल्दी लाइफस्टाइल का करें पालन
किडनी ट्रांसप्लांट कराने के बाद मरीज को हेल्दी लाइफस्टाइल का पालन करना चाहिए। हेल्दी लाइफस्टाइल से मतलब है कि खाने-पीने,सोने और जागने का ध्यान रखें। बॉडी को एक्टिव रखे। डेली रूटीन में रेगुलर वर्कआउट और रेगुलर वॉक करें। 25-30 मिनट की वॉक करें। स्मोकिंग को अवॉइड करें।
भीड़-भाड़ से दूर रहें
ट्रांसप्लांट कराने वाले मरीज को भीड़-भाड़ वाले इलाके से दूर रहना चाहिए। इन मरीजों की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है और इनके बीमार होने के चांस भी ज्यादा रहते हैं। अगर मरीज को भीड़-भाड़ में जाना पड़ता है तो मास्क का इस्तेमाल करें। लोगों से दूरी बनाकर रखें।