मानसून के मौसम में डेंगू से पीड़ित लोगों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है। इस बार भी कई राज्यों में डेंगू से पीड़ित लोगों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। दिल्ली में इस बार 343 मामले सामने आए। इनमें से करीब 70 फीसदी सितंबर महीने में सामने आए हैं। वहीं 256 मामले मलेरिया और 68 मामले चिकनगुनिया के मामले में सामने आए। ये आकंड़े बताते हैं कि मच्छर किस कदर लोगों के शरीर में वायरस का कारण बन रहे हैं। आमतौर पर डेंगू का बुखार 104 F डिग्री यानी बहुत तेज होता है। इसलिए यह बाकी बुखार के मुकाबले अधिक खतरनाक हो सकता है। इसलिए डेंगू के लक्षण, प्रभाव और उपचार के बारे में जानना बेहद जरूरी है, आइए जानते हैं।
डेंगू वायरस फैलने की बड़ी वजह: एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उस मरीज का खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है। जब डेंगू वायरस वाला वह मच्छर किसी और इंसान को काटता है तो उससे वह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है।
डेंगू तीन तरह का होता है-
पहला: क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार
दूसरा: डेंगू हैमरेजिक बुखार (DHF)
तीसरा: डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS)
डेंगू बुखार के लक्षण इस प्रकार हैं-
– तेज ठंड लगकर बुखार का चड़ना डेंगू का लक्षण है।
– डेंगू मच्छर के काटने के 3 से 14 दिन के अंदर इसका असर दिखता है।
– सिर और आंखों में दर्द होता है।
– शरीर में जकड़न महसूस होना
– जोड़ों में बहुत दर्द होना।
– हड्डियों में दर्द महसूस होना।
– उलटी होना।
– पेट खराब होना।
– शरीर पर लाल धब्बे पड़ जाना।
– शरीर में कमजोरी महसूस होना।
डेंगू बुखार के घरेलू उपचार-
मेथी के पत्ते: इसकी पत्तियों को पानी में भिगोकर रख दें और थोड़ी-थोड़ी देर में इस पानी का सेवन करते रहें।
गिलोए: इसकी डंडियों को पानी में उबालकर पीने से डेंगू बुखार जल्द सही हो जाता है।
तुलसी के पत्ते और काली मिर्च: तुलसी के पत्तों और काली मिर्च ओ पानी में उबालकर भी पिया जा सकता है। यह आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करती है।
पपीते की पत्तियां: आयुर्वेद के मुताबिक पपीते के पत्ते डेंगू को ठीक करने में मदद करते हैं। डेंगू में ब्लड प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं। पपीता उन्हें भी बढ़ाने में मदद करता है।