किशोरावस्था में पहुंचते ही बच्चें खाने -पीने में अपनी पसंद का बहुत ख्याल रखने लगते हैं ।अक्सर इस उम्र में आने के बाद बच्चों की पसंद बदल जाती है और वह जंक फूड या बाहर का खाना अधिक पसंद करते हैं। लेकिन इस उम्र में बच्चों के खानपान का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। दरअसल अधिक जंक या अनहेल्दी फूड का सेवन करने से उनके शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है और जिस कारण बच्चों की सेहत पर बुरा असर होने लगता है। इस उम्र में बच्चों को कई बीमारियों होने का खतरा बढ़ जाता है। तो आइए जानते हैं किशोरावस्था में बच्चों का डाइट प्लान कैसा होना चाहिए।

ऐसा रखें बच्चों का डाइट चार्ट ( Healthy diet chart for adolescents )

फल और सब्जियां :

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार किशोरावस्था के दौरान बच्चों को फल और सब्जियों का भरपूर सेवन करना चाहिए। फल और सब्जियों में कई प्रकार के विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। इसके अलावा फल और सब्जियों का सेवन करने से शरीर को जरूरी पोषक तत्व भी मिलते हैं। फलों का सेवन बच्चों को हेल्दी रखने के साथ कई बीमारियों के होने का खतरा भी कम करता है।

साबुत अनाज:

बता दें कि साबुत अनाज में विटामिन ई और विटामिन बी की भरपूर मात्रा पाई जाती है।इसके अलावा इसमें पाए जाने वाले फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत रखने में मदद करते हैं और वजन बढ़ाने की समस्या को कम करने में भी कारगर माने जाते हैं। इसलिए किशोरावस्था के दौरान साबुत अनाज जैसे कि ओटमील, पॉपकॉर्न आदि को बच्चों की डाइट में शामिल कर सकते हैं।

दूध से बने प्रोडक्ट्स खिलाएं :

किशोरावस्था में दूध से बने प्रोडक्ट्स का सेवन करना सेहत के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है।दरअसल दूध में पाए जाने वाले कैल्शियम विटामिन D, पोटैशियम जैसे पोषक तत्व शरीर के लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं ।दूध से बने प्रोडक्ट्स में आप दही ,छाछ ,पनीर आदि को बच्चों की डाइट में शामिल कर सकते हैं।

किशोरावस्था में दूध से बने प्रोडक्ट्स का सेवन करना सेहत के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है।दरअसल दूध में पाए जाने वाले कैल्शियम विटामिन D, पोटैशियम जैसे पोषक तत्व शरीर के लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं। दूध से बने प्रोडक्ट्स में आप दही ,छाछ ,पनीर आदि को बच्चों की डाइट में शामिल कर सकते हैं।

किशोरावस्था में हेल्दी डाइट से होने वाले फायदे (Benefits of a healthy diet in adolescents)

  • किशोरों की हड्डियों के विकास को मजबूती मिलती है।
  • किशोरों में बीमारियों का खतरा कम होता है।
  • शरीर को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
  • शरीर को सभी पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा मिलती है।
  • मोटापे के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है।