मोटापा एक ऐसी बीमारी है जिससे बच्चे भी अछूते नहीं है। खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल और बॉडी एक्टिविटी में कमी होने से युवाओं से लेकर बच्चों तक का मोटापा बढ़ रहा है। बच्चों में मोटापा बढ़ने का सबसे बड़ा कारण जंक फूड, फास्ट फूड और प्रोसेस फूड हैं। बच्चे घर का खाना पसंद नहीं करते और सिर्फ बाहर के अनहेल्दी फूड्स पर निर्भर रहते हैं, जिसका नतीजा उनका वजन उनके बॉडी मास्क इंडेक्स से कई गुणा ज्यादा होने लगता है। बच्चों में मोटापा बढ़ाने के लिए टीवी , मोबाइल फोन और वीडियो गेम्स खेलने में अधिक रुचि लेना भी जिम्मेदार है। बच्चे घंटों इन गैजेट्स के साथ गुजारते हैं जिससे उनकी बॉडी एक्टिविटी कम होती जा रही है और उनका मोटापा बढ़ता जा रहा है।
सिडनी विश्वविद्यालय की रिसर्च के मुताबिक किशोरावस्था में पहुंचने पर मोटापा से ग्रस्त लगभग 80 प्रतिशत बच्चे जिंदगी भर मोटापा से जूझते रहते हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के नियमों को अपनाया जाए तो दो से 18 साल की उम्र के युवाओं का मोटापा भी आसानी से कम किया जा सकता है। कुछ नियमों को अपनाकर बच्चों का वजन उनके ‘बॉडी मास इंडेक्स’ के मुताबिक किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि बच्चों का वजन उनके बॉडी मास्क इंडेक्स के मुताबिक कैसे कंट्रोल किया जा सकता है।
पेरेंट्स बच्चे की सेहत पर ध्यान दें वजन पर नहीं
पेरेंट्स को चाहिए अपने बच्चे की सेहत पर ध्यान दें ना कि उसके वजन पर ध्यान दें। अच्छी सेहत के लिए बच्चे को डाइट में हेल्दी फूड खिलाएं और उसे खेल कूद जैसी एक्टिविटी में रहने की सलाह दें। हेल्दी ईटिंग हैबिट, हेल्दी फूड और एक्सरसाइज ही हेल्दी बॉडी का राज है।
बच्चे को नेचुरल फूड खिलाएं
बच्चे की सेहत को दुरुस्त करना चाहते हैं तो आप उसे ताज़े फल और सब्जियां खिलाएं। डाइट में शहद, मेवे और सीड्स खिलाएं। ये फूड बच्चे को पोषण देते हैं और बॉडी को हेल्दी रखते हैं।
बच्चे को रंग-बिरंगे फल और सब्जियां खिलाएं
अगर आपके बच्चे का वजन तेजी से बढ़ रहा है तो आप उसे रंग-बिरंगे फल और सब्जियां खिलाएं। बच्चे को फलों में सेब, केला, संतरा और अंगूर खिलाएं। ये फल बच्चों की इम्यूनिटी को स्ट्रांग करते हैं और बॉडी को हेल्दी रखते हैं। सब्जियों में बच्चों को हरी सब्जियां, ब्रोकली, शिमला मिर्च खिलाएं। बच्चा खाने से जी चुराता है तो आप उसे फैमिली के साथ बैठा कर खिलाएं।
बच्चे की बॉडी एक्टिविटी बढ़ाएं
अगर आपका बच्चा ओवरवेट हो रहा है तो उसकी बॉडी एक्टिविटी को बढ़ाएं। बच्चे को घर में घंटों मोबाइल में नहीं खेलने दें बल्कि उसे भागने-दौड़ने जैसी बॉडी एक्टिविटी में इन्वॉल्व करें। एक घंटे की बच्चे की बॉडी एक्टिविटी उसे हेल्दी और एनर्जेटिक रखेगी।
बच्चे का स्क्रीन टाइम कम करें
अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा 8-9 घंटे की पूरी नींद ले तो आप उसका स्क्रीन टाइम कम करें। स्क्रीन पर ज्यादा वक्त गुजारने से बच्चे की शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत पर असर पड़ेगा।