आज का अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खराब खानपान की आदत लोगों को तमाम तरह की समस्याओं का शिकार बना रही है। इतना ही नहीं, कम उम्र में ही लोग गंभीर बीमारियों से घिरने लगे हैं। खासकर खानपान पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। दिनभर में आप जो कुछ भी खाते-पीते हैं, उसका आपकी सेहत पर सीधा असर पड़ता है। वहीं, एक अच्छी बात यह है कि हमारे आसपास कई ऐसी चीजें मौजूद होती हैं, जो अच्छी सेहत को बढ़ावा देने में कमाल का असर दिखा सकती हैं। यहां हम आपको एक ऐसे ही गर्म मसाले के बारे में बता रहे हैं।
क्या है ये खास मसाला?
दरअसल, आयुर्वेद में लंबे समय से कई समस्याओं से निजात पाने के लिए काली मिर्च का उपयोग किया जाता है। वहीं, आयुर्वेद से अलग भी हेल्थ एक्सपर्ट्स सीमित मात्रा में काली मिर्च को डेली डाइट का हिस्सा बनाने की सलाह देते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि ये मसाला किस तरह आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है-
एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, काली मिर्च में पिपेरिन जैसे मजबूत एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो बॉडी को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट पुरानी बीमारियों और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के जोखिम को कम करने के लिए भी जाने जाते हैं। ऐसे में सेहतमंद रहने के लिए आप भोजन में थोड़ी मात्रा में काली मिर्च को शामिल कर सकते हैं।
पाचन के लिए फायदेमंद
अगर आप अक्सर खराब पाचन से परेशान रहते हैं और कब्ज, एसिडिटी, गैस, ब्लोटिंग जैसी समस्याएं समय-समय पर आपको घेर लेती हैं, तो भोजन में काली मिर्च शामिल करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। काली मिर्च पाचन एंजाइमों के स्राव को बढ़ाने में असरदार है। इसके अतिरिक्त, यह पेट में भोजन के टूटने को बढ़ाकर गैस, सूजन, एसिडिटी की समस्या से भी राहत दिलाती है।
पोषक तत्वों के अवशोषण में करती है मदद
काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन आहार से विटामिन और मिनरल्स को अवशोषित करने की शरीर की क्षमता में सुधार करता है। यानी काली मिर्च के सेवन से भोजन से मिलने वाले पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर तरीके से हो पाता है, जो सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है।
वेट लॉस में मददगार
कुछ शोध के नतीजे बताते हैं कि पिपेरिन मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में भी मदद करता है, जिससे शरीर में जमा एक्स्ट्रा फैट कम होने लगता है। साथ ही क्योंकि पिपेरिन पाचन में भी मदद करता है, ऐसे में ये गुण वेट लॉस में मददगार हो सकते हैं। वजन को कंट्रोल करने के लिए आप अपनी डाइट में काली मिर्च के सेवन को बढ़ा सकते हैं।
एंटी इंफ्लेमेटरी गुण
काली मिर्च में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण शरीर के भीतर सूजन को कम करने में सहायता कर सकते हैं। ऐसे में इसके नियमित सेवन से गठिया और अन्य सूजन संबंधी बीमारियों जैसी स्थितियों में सुधार हो सकता है।
श्वसन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
काली मिर्च में कफनाशक गुण पाए जाते हैं, जो कंजेशन को कम करने और सांस लेने में आसानी प्रदान करने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते हैं। यही वजह है कि खासकर सर्दी और खांसी जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों से निजात पाने के लिए काली मिर्च को डाइट का हिस्सा बनाने की सलाह दी जाती है।
हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
कुछ शोध के नतीजे बताते हैं कि संतुलित आहार में शामिल करने पर, काली मिर्च में मौजूद गुण बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने और हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
इम्यूनिटी होती है बूस्ट
काली मिर्च के प्रतिरक्षा-उत्तेजक गुण बीमारियों और संक्रमणों के प्रति शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने में असर दिखाते हैं। ऐसे में भी नियमित रूप से इसे अपने आहार में शामिल करने से आम बीमारियों को रोकने में मदद मिल सकती है।
दर्द निवारक
इन सब से अलग काली मिर्च में एनाल्जेसिक गुण शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द से राहत दिलाने में मददगार माने जाते हैं। ऐसे में भी आप सलाद, सब्जी या अन्य खाद्य पदार्थों पर चुटकी भर काली मिर्च छिड़कर इसे डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।