कड़कड़ाती सर्दियों का मौसम अपने चरम पर है। वहीं, ये मौसम जहां अधिकतर लोगों के मन को भाता है, तो इस दौरान कई तरह की समस्याएं भी लोगों को खूब परेशान करती हैं। इन्हीं समस्याओं में से एक है जोड़ों का दर्द। ठंड के मौसम में अधिकतर लोग जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं। इतना ही नहीं, खराब लाइफस्टाइल के चलते आज बुजुर्गों के साथ-साथ कम उम्र के युवाओं को भी घुटने, कमर, पैर सहित जोड़ों के दर्द से जूझना पड़ता है। कई बार तो ये दर्द इतना असहनीय हो जाता है कि चलने-फिरने यहां तक की उठने-बैठने पर भी पीड़ित की आह निकल जाती है। ऐसे में अगर आप भी इस तरह की स्थिति का सामना कर रहे हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।

हम यहां आपको 3 ऐसे योगासन बता रहे हैं, जिनका करीब 15 मिनट नियमित अभ्यास करने से सर्दियों में होने वाली जोड़ों के दर्द की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इससे पहले जान लेते हैं कि आखिर ठंड के मौसम में ज्वाइंट पेन अधिक क्यों बढ़ जाता है-

आर्थोपेडिक इंस्टीट्यूट ऑफ हेन्डरसन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ठंड के मौसम में जोड़ों का दर्द अधिक बढ़ जाने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। जैसे-

नसों में सूजन आ जाना

तापमान में गिरावट के कारण मांसपेशियों में खिंचाव होने लगता है, जिसके चलते जोड़ों के आसपास की नसों में सूजन आ जाती है साथ ही दर्द भी होने लगता है। खासतौर पर गठिया से पीड़ित लोगों और बुजुर्गों को ये समस्या अधिक परेशान करती है।

शारीरिक गतिविधि

ठंड के मौसम में लोग आलस और सर्द हवाओं से बचने के लिए ज्यादातर समय एक ही जगह बैठे-बैठे बिता देते हैं या कम ही शारीरिक गतिविधि करते हैं, इसके चलते भी जोड़ों में दर्द की परेशानी अधिक बढ़ जाती है।

सिनोवियल फ्ल्यूइड का सख्त हो जाना

इन सब के अलावा ऑर्थोपेडिक इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में इसके पीछे सिनोवियल फ्ल्यूइड का सख्त हो जाना भी एक कारण बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, सिनोवियल फ्ल्यूइड जोड़ो में एक शॉक-ऐब्सोर्बेर की तरह काम करता है, हालांकि ठंड के मौमस में तापमान में गिरावट आने के चलते ये फ्ल्यूइड गाढ़ा होने लगता है, जिसके कारण जॉइंट हार्ड हो जाते हैं और इनमें दर्द बढ़ने लगता है।

इन योगासन से मिलेगी राहत

उत्तानासन

उत्तानासन पिंडली, जांघ, पीठ, कमर व कूल्हे को मजबूत बनाने में असरदार है। साथ ही इसके नियमित अभ्यास पैरों के दर्द और जकड़न की समस्या से भी निजात मिलती है।

इस तरह करें उत्तानासन

  • उत्तानासन करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं।
  • अब पैरों के बीच में एक फीट की दूरी रखें और गहरी सांस लेते हुए हाथों को सीधा ऊपर कर लें।
  • फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए, कमर के हिस्से से शरीर को मोड़ते हुए, नीचे की ओर झुकें।
  • अपने दोनों हाथों से पैरों को छूने की कोशिश करें और अपने सिर को अपने घुटनों पर लगाने की कोशिश करें।
  • इस अवस्था में कुछ सेकंड के लिए रहें।

अधोमुखी मार्जरी आसन

रोजाना अधोमुखी मार्जरी आसन करने से मांसपेशियों को खिंचाव मिलता है, साथ ही इससे खासकर पीठ की जकड़न कम होती है और रीढ़ की हड्डी, घुटने, कमर और कंघों के दर्द से आराम मिलता है।

इस तरह करें अधोमुखी मार्जरी आसन

  • इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं।
  • अब, अपनी हथेलियों को जमीन पर टिकाएं और टेबल टॉप जैसी आकृति बना ले।
  • अब, सांस लेते हुए ऊपर की तरफ देखें और फिर सांस छोड़ते हुए रीढ़ की हड्डी को मोड़कर पीठ के साथ आर्क बनाएं और गर्दन को नीचे की तरफ रखें।
  • इसी पोजीशन में कुछ देर रहें और फिर सामान्य अवस्था में आ जाएं।

धनुरासन

इन सब के अलावा धनुरासन भी जोड़ों में दर्द की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से पेरौं और पीठ में खिचांव महसूस होता है, जिससे दर्द से काफी राहत मिलती है।

इस तरह करें धनुरासन

  • इस योग को करने के लिए सबसे पहले आपको पेट के बल लेटना है।
  • अब अपने घुटनों को अपने कूल्हों की ओर मोड़ लें।
  • इसके बाद अपने दोनों हाथों से अपने टखनों को पकड़ें।
  • अब अपने पैरों और बाजुओं को जितना हो सके ऊपर की ओर उठाएं और अपना चेहरा भी ऊपर रखें।
  • जब तक आप कर सकते हैं तब तक इस मुद्रा में बने रहने का प्रयास करें।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।