डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिजीज है जिसका कोई इलाज नहीं है, सिर्फ इस बीमारी को दवाईयों और खान-पान के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है। डायबिटीज की बीमारी के लिए खराब डाइट,बिगड़ता लाइफस्टाइल और तनाव जिम्मेदार है। सोडा, फलों का जूस, आइस्ड टी और मिठाइयां डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकती हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि अगर रोजाना ज्यादा मात्रा में मीठी चीज़ें खाईं जाएं तो डायबिटीज में 32 प्रतिशत की वृद्धि होती है। डायबिटीज के मरीजों की लम्बे समय तक ब्लड शुगर हाई रहे तो दिल के रोगों,किडनी और आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स का सेवन करना बेहद जरूरी है। अक्सर देखा जाता है कि डायबिटीज के मरीजों की फॉस्टिंग शुगर हाई रहती है ऐसे लोग सुबह का नाश्ता ठीक नहीं करें तो परेशानी बढ़ने लगती है।

फॉस्टिंग से लेकर खाने के बाद तक की शुगर कंट्रोल करना चाहते हैं तो डाइट का ध्यान रखें, साथ ही देसी आयुर्वेदिक नुस्खो को भी अपनाएं। आयुर्वेदिक और युनानी दवाओं के एक्सपर्ट डॉक्टर सलीम जैदी ने एक गज़ब का आयुर्वेदिक फॉर्मूला बताया है जो ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करता है।

नैचुरल इंग्रीडेंट से तैयार दो चम्मच चुर्ण का अगर रोजाना इस्तेमाल किया जाए तो आसानी से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। जामुन की गुठली,सुखा हुआ करेला और गुड़मार ऐसे आयुर्वेदिक हर्ब्स हैं जिनका सेवन आयुर्वेद में सदियों से किया जा रहा है। ये हर्ब्स ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में बेहद असरदार साबित होती हैं। आइए जानते हैं कि ब्लड शुगर कंट्रोल करने में इस हर्ब्स का सेवन कैसे फायदेमंद है और इसका कैसे सेवन करें।

जामुन की गुठली,सुखा हुआ करेला और गुड़मार कैसे करते हैं शुगर कंट्रोल

साइंटिफिक बात करें जामुन एक ऐसा फल है जिसमें दो खास कंपोनेंट जेमसोलिन और जेम्बोसिन पाए जाते हैं। ये दोनों चीजें बॉडी में ग्लूकोज का ऑब्जॉर्शन स्लो करती हैं और इंसुलिन के प्रोडक्शन को बढ़ा देती हैं। जामुन और उसकी गुठली का सेवन शुगर को कंट्रोल करता है।

करेला एक ऐसी सब्जी है जिसे शुगर को कंट्रोल करने के लिए जाना जाता है। इस सब्जी में भी ऐसे कंपोनेंट पाए जाते हैं तो ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हैं और इंसुलिन प्रोडक्शन में सुधार करते हैं। करेला का सेवन करने से ब्लड से टॉक्सिन बाहर निकलते हैं और ब्लड की सफाई होती है।

औषधीय गुणों से भरपूर गुड़मार एक ऐसा पौधा है जिसके पत्ते इस्तेमाल किए जाते हैं। गुड़मार का सेवन करके ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। ये एक ऐसा मेडिसिनल प्लांट है जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। गुड़मार जैसा की नाम से ही ज़ाहिर होता है ये गुड़ यानि शुगर को खत्म करता है। इसका सेवन करने से ब्लड शुगर कंट्रोल रहती है। गुड़मार के पत्ते इंसुलिन का नैचुरल तरीके से उत्पादन करते हैं और पैंक्रियाज की हिफ़ाज़त करते हैं।

जामुन की गुठली,करेला और गुड़मार का चूर्ण कैसे तैयार करें

हेल्दी और डिजीज फ्री लाइफ जीने के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे असरदार साबित होते हैं। जामुन की गुठली,करेला और गुड़मार का चूर्ण डायबिटीज के मरीज तैयार करना चाहते हैं तो 100 ग्राम जामुन की गुठली,100 ग्राम गुड़मार के पत्ते और 100 ग्राम करेला लें। ये तीनों चीजें सूखी हुई चाहिए। अगर आपके आस-पास पंसारी की दुकान है तो आप वहां से इसे खरीद सकते हैं। इन तीनों चीजों को आप खरल में,मिक्सर में या फिर इमाम दस्ते में आसानी से पीस सकते हैं। इसका बारीक पाउडर बना लें और छन्नी में छान लें। इस पाउडर को आप एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करें।

इस आयुर्वेदिक चूर्ण का कैसे करें सेवन

अगर आपका फॉस्टिंग शुगर हाई रहता है तो आप सुबह नाश्ता करने से आधा घंटे पहले 3-5 ग्राम यानि आधा चम्मच चूर्ण का सेवन करें। खाना खाने के बाद शुगर हाई रहता है तो रात को खाना खाने से आधा घंटे पहले आधा चम्मच इस चुर्ण का सेवन करें। इस चूर्ण का असर दो हफ्तों में दिखना शुरु हो जाता है। आपकी शुगर ज्यादा हाई रहती है तो आप इस चूर्ण की मात्रा को बढ़ा सकते हैं।