सर्दियों की शुरुआत होते ही दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। आसमान पर कोहरे जैसी मोटी परत छा जाती है, लेकिन असल में यह कोहरा नहीं बल्कि जहरीले धुएं और धूल के महीन कणों का मिश्रण होता है। यह प्रदूषित धुंध न केवल आंखों की सेहत बिगाड़ती है बल्कि सेहत के लिए भी गंभीर खतरा बन जाती है।
हवा में मौजूद जहरीली गैसें जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और ओजोन हमारी आंख, नाक और मुंह के रास्ते शरीर में प्रवेश करती हैं। 
इन प्रदूषकों के लगातार संपर्क में रहने से आंखों में जलन, नाक बंद होना, बलगम, सिरदर्द, गले में खराश, खांसी और सांस फूलने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से फेफड़ों की कार्यक्षमता घट जाती है, जिससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है। सुबह और शाम के समय प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा होता है।
जहरीली गैसों से बचाव के लिए बेवजह घर से बाहर निकलने की आदत को छोड़ दें, खासकर बच्चे, बुजुर्ग और अस्थमा के मरीज। घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल करें, घर में एयर-प्यूरीफायर या इनडोर पौधों जैसे मनी प्लांट, स्नेक प्लांट, एलोवेरा को लगाएं, ये हवा को शुद्ध करते हैं। इसके अलावा डाइट में कुछ खास फूड्स का सेवन करें। प्रदूषण से बचाव करने में गुड़ का सेवन बेहद असरदार साबित होता है। आयुर्वेदिक और युनानी दवाओं के एक्सपर्ट डॉक्टर सलीम जैदी ने बताया गुड़ में कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं। इस मौसम में गुड़ खाने से लंग्स में जमा टॉक्सिन बाहर निकलते हैं, म्यूकस कंट्रोल होता है और सांस लेने में आसानी होती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि गुड़ का सेवन कैसे प्रदूषण के असर को कम करता है।
गुड़ से कम करें प्रदूषण का असर
गुड़ में एंटी-एलर्जिक गुण होते हैं जो फेफड़ों को साफ करने में मदद करते हैं। ये शरीर से जमा हुई गंदगी और टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है। सर्दियों में अस्थमा या सांस की समस्या वाले लोगों को रोजाना गुड़ खाने की सलाह दी जाती है। गुड़ में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है जो हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाकर खून में ऑक्सीजन की मात्रा सामान्य रखता है। कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि रोजाना गुड़ खाने से हवा में मौजूद प्रदूषण का असर शरीर पर कम होता है। एक टुकड़ा गुड़ खाने से फेफड़ों में जमा बलगम बाहर निकल जाता है और सर्दी खांसी का इलाज होता है।
आयुर्वेद में गुड़ के फायदे
आयुर्वेद में गुड़ को बहुत फायदेमंद माना गया है। सर्दियों में इसका सेवन सर्दी-जुकाम, अपच और एसिडिटी से राहत दिलाता है। गन्ने या ताड़ के रस से बनने वाला गुड़ रिफाइंड शुगर का हेल्दी ऑप्शन है, इसी कारण इसे ‘सुपरफूड’ भी कहा जाता है।
गुड़ का सेवन कैसे करें
वायु प्रदूषण के असर को कम करने के लिए सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ गुड़ खाएं। आप लंच के बाद एक छोटा टुकड़ा गुड़ का भी ले सकते हैं। इसके अलावा चाय में चीनी की जगह गुड़ डालना भी फायदेमंद होता है।
गुड़ खाने की सही मात्रा
गुड़ की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका सेवन सर्दियों में करना सबसे अच्छा माना जाता है। एक हेल्दी इंसान को रोजाना 10 से 15 ग्राम से ज्यादा गुड़ नहीं खाना चाहिए। अगर आपको डायबिटीज, कैंसर या ब्लड प्रेशर की समस्या है तो गुड़ खाने से पहले डॉक्टर या डायटीशियन की सलाह जरूर लें।
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