High Blood  Sugar Remedies: आज के समय में लोगों का खानपान व उनकी लाइफस्टाइल बेहद अनहेल्दी हो गई है। लोगों में आलस्यता व स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बढ़ी है। इसका उनके शरीर पर गलत प्रभाव पड़ता है जिससे कम उम्र में भी लोग कई गंभीर बीमारियों से घिरने लगते हैं। अस्वस्थ खानपान से शरीर में रक्त शर्करा का स्तर भी प्रभावित होता है। अनियंत्रित ब्लड शुगर के कारण डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। इस बीमारी के इलाज के साथ ही सावधानी बरतना भी बेहद जरूरी है, खासकर कि डाइट को लेकर विशेष रूप से सतर्क रहना होगा।

मधुमेह रोगियों को मीठे भोजन से तो परहेज करना ही चाहिए, साथ ही उन फूड आइटम्स से दूरी बनाएं जिन्हें खाने से अचानक से ब्लड शुगर बढ़ जाता है। इसके अलावा, कई शोध में इस बात का प्रमाण मिलता है कि डायबिटीज के मरीजों के लिए कटहल का आटा बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। आइए जानते हैं विस्तार से –

अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक कटहल के आटे का इस्तेमाल करने से मधुमेह रोगियों को लाभ हो सकता है। इस रिसर्च में डायबिटीज टाइप 2 के 40 मरीजों को 3 महीनों तक लगातार करीब 30 ग्राम कटहल का आटा खिलाया गया। शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष में पाया कि इसके सेवन से लोगों के रक्त शर्करा का स्तर बेहतर हुआ है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इसमें पाए जाने वाले तत्व के प्रभाव से मरीजों के शरीर में HbA1c ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन, FBG-फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज और PPG-पोस्टप्रेंडियल ग्लूकोज का स्तर कम होता है।

क्या हैं फायदे: इंटरनेशनल जर्नल ऑफ डायबिटीज में छपी एक रिसर्च के अनुसार जैकफ्रूट यानी कटहल में कार्ब्स व कैलोरीज बेहद कम होती है। साथ ही, इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है। ऊर्जा का स्रोत होने के साथ ही कटहल में फाइबर भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। ऐसे में हर तरह से ये डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी है। इससे मोटापा और बीपी कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है।

कैसे बनाएं कटहल का आटा: कटहल के बीजों को अलग कर लें और इन्हें सुखा लें। इनके सूखने के बाद बीज के ऊपर लगे छिलकों को हटा दें। फिर इन्हें काटकर अच्छी तरह पीस लें। इसके बाद रोजाना आप 30 ग्राम के करीब इस आटे को अपने डेली इस्तेमाल होने वाले आटे के साथ मिलाकर खाएं।