वर्तमान समय में खराब खानपान और अव्यवस्थित जीवनशैल के कारण युवावस्था में ही लोग डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी का शिकार हो रहे हैं। डायबिटीज यानी मधुमेह एक क्रॉनिक डिसीज है, जो बॉडी में इंसुलिन हार्मोन की कमी के कारण होती है। एक रिपोर्ट के अनुसार देश में करीब 7 करोड़ लोग मधुमेह की बीमारी से ग्रस्त हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो मधुमेह के रोगियों को अपना ब्लड शुगर यानी रक्त शर्करा का स्तर काबू में रखने की सबसे ज्यादा जरूरत होती है।

क्योंकि खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने से मल्टीपल ऑर्गन फेलियर, हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थिति भी पैदा हो सकती हैं। विशेषज्ञ मधुमेह के रोगियों को खानपान में सावधानी बरतने की सलाह देते हैं, खासकर डाइट को लेकर विशेष रूप से सर्तक रहने के लिए कहते हैं। हाल ही में हुई एक स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि डायबिटीज के मरीजों के लिए कटहल का आटा बेहद ही फायदेमंद साबित हो सकता है। अध्ययन में कहा गया है कि अपने दैनिक भोजन में एक चम्मच चावल या फिर गेहूं के आटे की जगह कटहल के आटे का सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

नेचर जर्नल में छपी एक रिसर्च के मुताबिक टाइप 2 डायबिटीज के 40 मरीजों को 3 महीनों तक लगातार करीब 30 ग्राम कटहल का आटा खिलाया गया, जिसमें यह निष्कर्ष सामने आया कि इन तीन महीने में मरीजों का ब्लड शुगर लेवल बेहतर हुआ है। शोधकर्ताओं की मानें तो कटहल में कार्ब्स और कैलोरीज बेहद ही कम मात्रा में पाई जाती हैं, साथ ही में इसमें फाइबर की अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है, जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

कटहल में पाए जाने वाले पोषक तत्व रोगियों में HbA1c ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन, FBG-फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज और PPG-पोस्टप्रेंडियल ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही कटहल में मौजूद विटामिन ए, सी, पोटैशियम और एंटी-ऑक्सीडेंट्स गट हेल्थ को सुधारकर शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। ऐसे में डायबिटीज के रोगी अपनी डाइट में कटहल के आटे को शामिल कर सकते हैं।