खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल हमारी आंत को कमजोर बना रहा है। आंत में गुड बैक्टीरिया कम होने से हानिकारक बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है जिससे आंत की इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है। तनाव और चिंता की वजह से कोर्टिसोल (Cortisol) हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है जो आंत के माइक्रोबायोम को प्रभावित कर सकता है। एंटीबायोटिक्स का ज्यादा सेवन करने से गुड और बैड बैक्टीरिया खत्म होने लगते हैं, जिससे आंत का संतुलन बिगड़ सकता है।

नींद की कमी होने से भी आंत की इम्यूनिटी कमजोर होती है और आंत से जुड़ी बीमारियां जैसे कोलाइटिस, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम की परेशानी बढ़ने लगती है। बैक्टीरियल संक्रमण के कारण आंत कमजोर होने लगती है। पानी की कमी होने से और पर्याप्त पानी न पीने से पाचन प्रक्रिया प्रभावित होती है और आंत में सूजन और संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

आंत की इम्यूनिटी कमजोर होने पर बॉडी में कुछ लक्षण दिखने लगते हैं जैसे पाचन संबंधी समस्याएं जैसे गैस, एसिडिटी, अपच, कब्ज़ (Constipation), डायरिया, ब्लोटिंग और पेट में दर्द की शिकायत होती है। आंत की इम्यूनिटी कमजोर होने पर शरीर पोषक तत्वों को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता। शरीर में कमजोरी, थकावट, और विटामिन व मिनरल की कमी हो सकती है। बार-बार संक्रमण का खतरा बढ़ने लगते हैं। आंत की इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करना, पर्याप्त नींद लेना, व्यायाम करना,पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना और अल्कोहल से बचना जरूरी है।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट और योग गुरु बाबा रामदेव ने बताया आंत की इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए अनार का सेवन जादुई असर करता है। अनार के लाल सुर्ख दाने इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं और आंतों की सेहत को दुरुस्त करते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि आंत की सेहत को दुरुस्त करने में अनार का सेवन कैसे असरदार साबित होता है।

अनार का सेवन कैसे आंत की सेहत को करता है दुरुस्त

अनार को आंत की सेहत के लिए एक बेहतरीन सुपर फूड माना जाता है। एंटीऑक्सीडेंट और बॉडी के लिए जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर अनार का जूस आंत की इम्यूनिटी बढ़ाता है और आंतों की सेहत को दुरुस्त करता है। अनार का सेवन करने से आंत की सेहत दुरुस्त होती है, लिवर की सेहत दुरुस्त रहती है और पेट ठीक रहता है। रोजाना अनार का सेवन करने से किसी तरह का कोई पेट का इंफेक्शन नहीं होता। अनार के बीज में प्रीबायोटिक गुण होते हैं जो आंत में गुड बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं। इसका सेवन करने से ब्लोटिंग कंट्रोल रहती है।

अनार में पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं जो आंतों की सूजन को कंट्रोल करते हैं। अनार के दाने और उसका जूस पाचन एंजाइमों के स्राव को प्रोत्साहित करते हैं, जिससे अपच, गैस, और पेट फूलने जैसी समस्याओं को कम कर किया जा सकता है। अनार में एंटीमाइक्रोबियल गुण मौजूद होते हैं जो हानिकारक बैक्टीरिया से बचाव करते हैं। अनार के दानों को चबाकर खाएं डायटरी फाइबर मिलेगा। पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में अनार का सेवन असरदार साबित होगा। फाइबर आंत में मूवमेंट को सुधारता है और कब्ज से राहत दिलाता है। अनार में विटामिन C और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो आंत की इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता हैं। अनार खाने से कोलन में सूजन कंट्रोल रहती है।

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