Fasting Benefits: फास्टिंग को हेल्थ के लिए अच्छा माना जाता है। फास्टिंग से वजन कम करने के साथ-साथ सेहत को कई फायदे मिलते हैं। नियमित तौर पर फास्टिंग करने से मेटाबॉलिज्म अच्छा होता है और बॉडी को कई फायदे मिलते हैं। एक नए अध्ययन के मुताबिक, शाम को 5.30 बजे लास्ट खाना और सुबह 10 बजे तक फास्टिंग पर रहने से ब्लड शुगर और पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है।
क्या कहती है स्टडी?
नेचर में प्रकाशित स्पैनिश अध्ययन में 30 से 60 वर्ष की आयु के 200 लोगों को लेकर एक स्टडी की गई। इस सभी लोगों का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 32 से अधिक था। वे सभी भूमध्यसागरीय आहार पर थे और उन्हें चार समय प्रतिबंधित उपवास ग्रुपों में बांटा गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन्होंने शाम 5.30 बजे तक अपना भोजन समाप्त कर लिया, उनमें पेट की चर्बी में अधिक कमी आई और उपवास ग्लूकोज के स्तर और रात भर के ग्लूकोज में सुधार हुआ। इससे पता चला कि भोजन का सेवन शरीर की प्राकृतिक डेली रूटीन के अनुरूप करना सबसे अधिक लाभदायक है।
मेदांता, गुरुग्राम में एंडोक्राइनोलॉजी और डायबिटीज की एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. परजीत कौर के अनुसार, सुबह जल्दी खाना खाने (ईटीआरएफ) को ब्लड शुगर और शरीर के वजन को कंट्रोल करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। खाने के आठ घंटे के समय को व्यक्तिगत जीवन शैली और प्राथमिकताओं के अनुसार एडजस्ट किया गया, क्योंकि अध्ययन में इसे सुबह 10 बजे से शाम 5.30 बजे तक खुला रखा गया था।
शुगर और पेट की चर्बी कम करने में 16:8 दिनचर्या
आठ घंटे की खाने की 16:8 विधि लंबे उपवास की ड्यूरेशन के कारण वसा यानी फैट जलने और ग्लूकोज कंट्रोल के लिए प्रभावी है। फास्टिंग की स्थिति के दौरान, शरीर स्वाभाविक रूप से इंसुलिन का उत्पादन कम कर देता है, जो भोजन का सेवन करने पर इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग करने की अपनी क्षमता में सुधार कर सकता है। इसलिए यह इंसुलिन संवेदनशीलता और बेहतर ब्लड शुगर रेगुलेशन में सुधार करता है। फास्टिंग करने पर शरीर के फैट के प्रतिशत में थोड़ी कमी आ सकती है। फिर भी फैट लॉस के लिए नियमित रूप से फास्टिंग के साथ व्यायाम और कैलोरी कंट्रोल करना करना जरूरी है।
उपवास रखने से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है। रिसर्च की मानें, तो उपवास करने और पानी पीने से डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है। अपने खाने के समय को आठ घंटे तक सीमित करके, आप कम कैलोरी का सेवन करते हैं। जैसे-जैसे इंसुलिन का स्तर गिरता है, शरीर ऊर्जा के लिए वसा को जलाने की तलाश करता है, पेट के आस-पास की आंतरिक वसा को खींचता है। उपवास भूख हार्मोन घ्रेलिन और तृप्ति हार्मोन लेप्टिन के कार्य में सुधार करता है। इसलिए खाने की लालसा कम हो जाती है।
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